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जर्जर हो चुका है 88 साल पुराना ‘पुल मिठाई’, जानें- क्या है इसका 235 साल पुराना इतिहास

इस पुल में कई जगह दरारें आ गई हैं। पुल में पिलर के ऊपर रखे गए गार्डर की सरिया तक खराब होने लगी हैं। प्लास्टर झड़ रहा है। कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा।

By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 09 Sep 2018 11:11 AM (IST)
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जर्जर हो चुका है 88 साल पुराना ‘पुल मिठाई’, जानें- क्या है इसका 235 साल पुराना इतिहास

नई दिल्ली (वीके शुक्ला)। कोलकाता में कुछ दिन पहले फ्लाईओवर गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। कई घायल भी हुए थे। दिल्ली में भी एक पुल की हालत ठीक नहीं है। करीब 88 साल पहले बनाया गया यह रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) खतरे में है। इसका नाम पुल मिठाई है।

इस पुल में कई जगह दरारें आ गई हैं। पुल में पिलर के ऊपर रखे गए गार्डर की सरिया तक खराब होने लगी हैं। प्लास्टर झड़ रहा है। हालांकि तकनीकी विशेषज्ञ ऐसा नहीं मानते हैं कि यह गिर जाएगा, मगर इस पुल की दशा जल्द ठीक कराने पर बल देते हैं। लोक निर्माण विभाग पुल की जर्जर हालत को लेकर पिछले आठ माह में चार बार रेलवे को पत्र लिख चुका है।

यह पुल पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से पीली कोठी की ओर जाता है। इस पुल का उपयोग पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से सदर बाजार, नया बाजार, आजाद मार्केट और मोरी गेट जाने के लिए लोग करते हैं। यह ऐसा मार्ग है जो पुरानी दिल्ली को इन क्षेत्रों के नजदीक लाता है। दिन भर इस पुल पर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है।

पुल के ऊपर वर्षो से अस्थायी बाजार लगता है, जिसमें मेवे और मसाले आदि की बिक्री प्रमुख है। पुल पर अव्यवस्था का आलम है। वहीं इस पुल के नीचे गंदगी की भरमार है। यहां पुल के नीचे से रेलवे की तीन महत्वपूर्ण लाइनें गुजरती हैं। इसके आसपास झुग्गियां बनी हुई हैं। पुल का रखरखाव ठीक नहीं है।

जानकारों का कहना है कि यह पुल 1930 में बनाया गया था। करीब दस माह पहले पुलिस ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को पत्र लिखकर कहा था कि पुल मिठाई की हालत ठीक नहीं है। इसके बाद विभाग की टीम ने पुल का निरीक्षण किया तो पाया कि पुल जर्जर है। उसके बाद लोक निर्माण विभाग ने रेलवे को पत्र लिखा, क्योंकि पुल रेलवे की संपत्ति है।

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आरके अग्रवाल ने कहा कि पुल को लेकर रेलवे को चार बार पत्र लिखे गए हैं। उन्होंने बताया कि मिठाई पुल के ऊपर सड़क बनाने का काम ही हमारे पास है। जबकि पुल की मरम्मत का काम रेलवे का है। जरूर रेलवे इस मामले में कार्रवाई कर रहा होगा।

दिल्ली मंडल के रेल प्रबंधक आरएन सिंह ने बताया कि पुल की अस्थायी मरम्मत का काम कराया जा चुका है। इसे पुनःनिर्माण के कार्य को स्वीकृति मिल चुकी है। यह कार्य दो वर्ष में पूरा करा लिया जाएगा। फुटपाथ का काम 15 दिन में रात्रि में पूरा कराया जाएगा।

मिठाई के शौकीन बघेल सिंह ने लगाई थी मिठाई की प्रदर्शनी

इस पुल पर मिठाई नहीं बिकती है। यहां पर मसाले, मेवे और अनाज बेचने वाले खुदरा व्यापारियों की दुकानें हैं। पुल मिठाई का नाम साहसी सिख और अमृतसर के झबाल गांव के रहने वाले सिंधिया मिसल के सरदार बघेल सिंह से जुड़ा है। बघेल सिंह वह व्यक्ति हैं जिन्होंने वर्ष 1783 में दिल्ली में माता सुंदरी गुरुद्वारा, बाला साहिब, बंगला साहिब, रकाबगंज, शीशगंज, मोती बाग, मजनूं का टीला और दमदमा साहिब गुरुद्वारों का निर्माण पूरा करवाया था।

मिठाई के शौकीन बघेल सिंह ने इसी स्थान पर मिठाइयों की एक प्रदर्शनी का आयोजन किया था। सबसे अच्छी मिठाई बनाने वालों को इनाम दिए। इसके बाद यह स्थान मिठाई वाला स्थान के नाम से मशहूर हो गया। 1930 में पुल बना तो इसका नाम पुल मिठाई हो गया। बताते हैं कि अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की योजना बनाने वालों के लिए खाने-पीने की दुकानें भी देर रात तक खुली रहती थीं।

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