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CM की कुर्सी तक कैसे पहुंचीं आतिशी? रेस में AAP के सौरभ भारद्वाज क्यों रह गए पीछे; वजह आई सामने

Atishi Marlena आतिशी शपथग्रहण के बाद दिल्ली की सत्ता पर काबिज होंगी। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद उन्हें विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुना गया। अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आप सरकार में एक ही साथ मंत्री बनने के बाद भी सौरभ भारद्वाज सीएम की कुर्सी मिलने से कैसे पीछे रह गए। इसके लिए आपको ये पूरा लेख पढ़ना होगा।

By sanjeev Gupta Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 18 Sep 2024 12:04 PM (IST)
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Delhi New CM: सीएम पद की दौड़ में भी आतिशी से पीछे रह गए सौरभ भारद्वाज। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आप सरकार में एक ही साथ मंत्री बनने के बावजूद सौरभ भारद्वाज ( Saurabh Bhardwaj) सीएम की पद की दौड़ में भी आतिशी से पिछड़ गए। बतौर मंत्री महज डेढ़ साल के कार्यकाल में आतिशी मुख्यमंत्री बन गईं जबकि सौरभ दूसरे नं. की स्थिति भी हासिल नहीं कर पाए। आतिशी का धैर्यवान एवं मृदुभाषी होना उन्हें लगातार आगे बढ़ाता ले गया।

पीछे मुड़कर देखा जाए तो मार्च 2023 में मंत्री बनने के बाद विभागों के बंटवारे से ही सौरभ भारद्वाज आतिशी से लगातार पिछड़ते रहे हैं। तीन माह के अंतराल में दो बार उनके विभागों में फेरबदल किया गया।

भारद्वाज को आतिशी के दिए गए तीन विभाग

अक्टूबर 2023 में उनसे जल मंत्रालय लेकर आतिशी (Atishi Marlena) को दे दिया गया था। भारद्वाज को आतिशी के तीन विभाग दे दिए थे, लेकिन ये सभी जल बोर्ड से कम महत्वपूर्ण थे- पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग।

भारद्वाज का कद तभी घटा दिया गया था और उनके पास अहम विभागों में केवल स्वास्थ्य विभाग छोड़ा गया। इससे पहले 12 अगस्त 2023 को एलजी ने आप सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसमें भारद्वाज से लेकर सेवा और सतर्कता विभाग आतिशी को सौंपे गए थे।

आतिशी को दिए गए महत्वपूर्ण विभाग

दूसरी तरफ आतिशी हमेशा बाजी मारती रहीं। इसी कड़ी में 30 जून 2024 को आतिशी को वित्त, योजना और राजस्व विभाग सौंपे गए थे। ये विभाग उस समय कैलाश गहलोत देख रहे थे।

आतिशी के लगातार आगे बढ़ने के पीछे विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य के साथ काम करने का उनका तरीका प्रमुख वजह माना जा रहा है। सरकार के पांच प्रमुख विभागों का जिम्मा भी दूसरे मंत्रियों से लेकर आतिशी को दिया गया था।

याद रहे कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को मार्च 2023 में उस समय दिल्ली कैबिनेट में शामिल किया गया था, जब पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने जेल जाने के बाद अपना इस्तीफा दे दिया था।

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