दिल्ली-एनसीआर से चल रहा है विदेशियों से ठगी का गोरखधंधा, जानिए फर्जी कॉल सेंटर से कैसे चलता है खेल
पुलिस अधिकारियों की माने तो दिल्ली ही नहीं बल्कि इसे सटे नोएडा और गुरुग्राम में भी फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से बड़े स्तर पर विदशी लोगों से ठगी का गोरखधंधा चलाया जा रहा है। शिकायत मिलने पर पहली बार पुलिस ने मोती नगर के कॉल सेंटर से गिरफ्तारी की।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Mon, 21 Dec 2020 11:27 AM (IST)
नई दिल्ली, संतोष शर्मा। राजधानी में गत दो दिनो में पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। दोनों कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में कॉल सेंटर में काम करने वाले ठगों को गिरफ्तार किया गया। अब तक फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले 96 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि अन्य की तलाश जारी है। पुलिस अधिकारियों की माने तो दिल्ली ही नहीं बल्कि इसे सटे नोएडा और गुरुग्राम में भी फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से बड़े स्तर पर विदशी लोगों से ठगी का गोरखधंधा चलाया जा रहा है। शिकायत मिलने पर गत दिनों पहली बार दिल्ली पुलिस ने मोती नगर स्थित कॉल सेंटर से 54 लोगों को गिरफ्तार किया था।
ज्यादा से ज्यादा लोगों से ठगी करने पर कर्मियों को बोनस का दिया जाता है लालच ठग ऑन लाइन मीडिया से खास कर कनाडा और अमेरिका में रहने वाले लोगों का फोन नंबर प्राप्त कर उन्हें अपना निशाना बना रहे थे। ठगी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वहां काम करने वाले युवक व युवतियों को होती है। लिहाजा जॉब पर रखे जाने से पहले उनका कड़ा साक्षात्कार लिया जाता है। बाद में विशेष प्रशिक्षण दे उन्हें ठगी के काम में लगा दिया जाता है। कॉल सेंटर कर्मी को जहां स्थानीय भाषा में बात करने का गुर सिखाया जाता है वहीं, उन्हें स्थानीय पुलिस व अन्य एजेंसियों की जानकारी भी दी जाती है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉल सेंटर कर्मी स्थानीय प्रवर्तन एजेंसी, मादक पदार्थ निरोधक विभाग, यूएस मार्शल सर्विस व अन्य सरकारी विभाग का प्रतिनिधि बनकर पीड़ित को फोन करते थे। वे उनसे किसी वारदात में संलिप्तता के साथ ही उनके बैंक खाते की राशि का प्रयोग अवैध कार्य में होने की बात बताते थे।
कड़े साक्षात्कार और प्रशिक्षण के बाद कर्मियों को कॉल सेंटर में दी जाती है नौकरी ठग गैर कानूनी काम के लिए उनकी गिरफ्तारी की धमकी देते थे। जब पीड़ित फोन को असली समझ बुरी तरह डर जाते थे तो आरोपित उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचने का तरीका भी बताते थे। ठग पीड़ितों से कहते थे कि वैकल्पिक विवाद समाधान के तहत वे जेल जाने से बच सकते हैं। बाद में आर्थिक जुर्माना के नाम पर हजारों डॉलर ठग उनसे ऑन लाइन अपने खातों में स्थानातंरित करवा लेते थे। पीड़ित किसी मुसीबत में ना फंस जाएं इसके लिए वे इसकी चर्चा और शिकायत अमूमन नहीं करते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस प्रकार की ठगी में कॉल सेंटर कर्मियों की गिरफ्तारी भले ही पहली बार हुई है। लेकिन, ठगी का यह तरीका काफी पुराना है। कोलकाता का सॉल्टलेक एरिया इस तरह की ठगी का गढ़ है।
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