Move to Jagran APP

गर्मियों में कैसे करें सनस्क्रीन के साथ अपनी त्वचा की सुरक्षा

बढ़ते तापमान के साथ स्वस्थ चमकदार निर्दोष त्वचा को बनाए रखने के लिए स्किन को सूर्य के हानिकारक प्रभावों से बचाए रखना समय की आवश्यकता है।

By Vinay TiwariEdited By: Updated: Sun, 14 Jun 2020 04:09 PM (IST)
Hero Image
गर्मियों में कैसे करें सनस्क्रीन के साथ अपनी त्वचा की सुरक्षा
नई दिल्ली। हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि उम्र के साथ त्वचा का ढलना और बेजान होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस प्रक्रिया को सही स्किन केयर से 10 साल तक धीमा किया जा सकता है। 

सनस्क्रीन का उपयोग करने के महत्व को लंबे समय से कम करके आंका गया है। बढ़ते तापमान के साथ, स्वस्थ, चमकदार, निर्दोष त्वचा को बनाए रखने के लिए स्किन को सूर्य के हानिकारक प्रभावों से बचाए रखना समय की आवश्यकता है।

सूर्य की तेज किरणें त्वचा की सभी बड़ी समस्याओं का मूल कारण है। मेलास्मा हाइपरपिग्मेंटेशन, दाग- धब्बे , टैनिंग, त्वचा में जलन, चकत्ते, झुर्रियाँ, महीन रेखाएं, ये सब सूर्य द्वारा उत्सर्जित किरणों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव के कारण होते हैं।

सूर्य की पराबैंगनी किरणें दो प्रकार की होती हैं। (UVA और UVB इसमें 95% UVA और 5% UVB होती है)

ये त्वचा को भेद कर कोलेजन और इलास्टिन फाइबर को नुक्सान पहुँचाती है जो स्वस्थ, चमकदार और झुर्री मुक्त त्वचा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

इन किरणों के लंबे समय तक संपर्क में आने से मेलेनिन का अतिरिक्त उत्पादन की प्रतिक्रिया तेज हो जाती है, जिससे मेलास्मा और हाइपरपिग्मेंटेशन जैसी स्किन की समस्याएं होती हैं ये किरणें न केवल त्वचा को नुक्सान पहुंचाने और उम्र बढ़ने के अन्य लक्षणों का कारण बनती हैं, बल्कि त्वचा कैंसर के खतरे को भी बढ़ाती हैं। बाजार में उपलब्ध सनस्क्रीन के प्रकारों को समझना महत्वपूर्ण है। 

SUNSCREEN के प्रकार

मुख्य रूप से दो प्रकार के सनस्क्रीन होते हैं - PHYSICAL और CHEMICAL PHYSICAL SUNSCREENS- ये ऐसे योग हैं जो त्वचा के ऊपर बैठकर एक अवरोध बनाते हैं और सूर्य की किरणों को प्रतिबिंबित करते हैं। इनमें टाइटेनियम डाइऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड मुख्य तत्व हैं।

रसायनिक SUNSCREEN

ये योग त्वचा में समा जाते हैं और UVB किरणों को ऊष्मा में परिवर्तित कर शरीर से छोड़ देते हैं। इनमें ओक्टिनॉक्सेट और ऑक्सीबेनजोन होने वाली मुख्य तत्व हैं।  रासायनिक सनस्क्रीन की तुलना में लोगों द्वारा फिजिकल सनस्क्रीन का अधिक उपयोग किया जाता है।

सही सनस्क्रीन का चयन कैसे करें?

अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार सही सनस्क्रीन का चयन करना चुनौतीपूर्ण है। सही सनस्क्रीन का चयन करने के लिए कुछ सामान्य दिशानिर्देश हैं:

- यह व्यापक स्पेक्ट्रम होना चाहिए (यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों से सुरक्षा प्रदान करे )

- इसे पैराबेन फ्री होना चाहि।

- यह गैर-कॉमेडोजेनिक होना चाहिए ( जो त्वचा के छिद्रो को अवरुद्ध न करे )।

- 30 या उससे अधिक का "एस पी एफ" (सन प्रोटेक्शन फैक्टर) होना चाहिए।

सनस्क्रीन के प्रयोग का सही तरीका 

धूप में बाहर निकलने से 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाना चाहिए। इतना ही नहीं, सूरज के हानिकारक प्रभावों से खुद को प्रभावी ढंग से बचाने के लिए हर 4 घंटे में सनस्क्रीन लगाना चाहिए।

- सनस्क्रीन को पर्याप्त मात्रा में लगाया जाना चाहिए

- यदि सनस्क्रीन की मात्रा उचित नहीं है, तो यह आपकी त्वचा के लिए प्रभावी नहीं होगा।

- न्यूनतम एक बड़ा चम्मच सनस्क्रीन आमतौर पर चेहरे पर लगाना चाहिए। 

- री- एप्लीकेशन- अत्यधिक पसीना आने या तैराकी करने के बाद सनस्क्रीन का प्रयोग दोबारा करना चाहिए।

INDOORS और OUTDOORS

यह एक मिथक है कि आपको केवल बाहर जाने पर सनस्क्रीन की जरूरत होती है। सूर्य की किरणें हर जगह हैं! हर मौसम, हर जगह , घर के अंदर और बाहर। अगर आप घर पर हैं तो भी सनस्क्रीन लगाएं। यह न केवल आपको सूर्य की किरणों से बचाएगा, बल्कि मोबाइल फोन, टी वी स्क्रीन लैपटॉप द्वारा उत्सर्जित किरणों के हानिकारक प्रभावों से भी आपकी त्वचा की रक्षा करेगा।

सभी आयु वर्ग और सभी प्रकार की त्वचा को सनस्क्रीन की आवश्यकता होती है। सनस्क्रीन के महत्व को जान कर न केवल त्वचा के रोगो को कम किया जा सकता है बल्कि निखरी दीप्तिमान, सुकुमार एवम स्वस्थ बनाया जा सकता है। सनस्क्रीन के नियमित उपयोग से मुँहासे, रंजकता या किसी अन्य प्रकार की त्वचा की समस्याओं के कारण होने वाले दाग धब्बे भी ख़तम होते है। 

डॉ.मुस्कान त्यागी, (Dermalyn Skin Aesthetics) 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।