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Delhi Pollution: सांसों पर बनी आपातकाल की स्थिति में ऐसे करें अपना बचाव, प्रदूषण में भी बनी रहेगी अच्छी सेहत

राजधानी में प्रदूषण चरम पर पहुंच चुका है ऐसे में आपको अपनी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ लोगों को महसूह होने लगी है ऐसे में बचाव ही एकमात्र उपाय है। सांसों पर बनी आपातकाल की इस स्थिति में बीमार होने से बचने के लिए एलोपैथी आयुर्वेद और होम्योपैथी विशेषज्ञों ने उपाय बताएं हैं।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 04 Nov 2023 05:36 PM (IST)
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सांसों पर बनी आपातकाल की स्थिति में ऐसे करें अपना बचाव, प्रदूषण में भी बनी रहेगी अच्छी सेहत
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi Pollution: राजधानी में प्रदूषण चरम पर पहुंच चुका है, ऐसे में आपको अपनी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ लोगों को महसूह होने लगी है, ऐसे में बचाव ही एकमात्र उपाय है।

सांसों पर बनी आपातकाल की इस स्थिति में बीमार होने से बचने के लिए एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी विशेषज्ञों ने उपाय बताएं हैं। सावधानियों के साथ ही घरेलू नुस्खों, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी की निवारक (प्रिवेंटिव) औषधियां आपको प्रदूषण के दुषप्रभावों से बचाकर रखने में मददगार हो सकती हैं।

होम्योपैथी में इम्युनिटी बढ़ाकर होता है रोग का इलाज

प्रदूषण की वजह से सांस की तकलीफ के मरीजों के लिए होम्योपैथी में कारगर इलाज है। होम्योपैथिक पद्धति में रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर इलाज किया जाता है। बढ़ते प्रदूषण के इस मौसम में अस्थमा, एलर्जी के रोगियों को समस्या बढ़ने से पहले ही डाक्टर की सलाह से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवा ले लेनी चाहिए, ताकि समस्या को बढ़ने से पहले ही रोक लिया जाए। इसके अलावा सांस और दिल के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।

सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि लोग सुबह की सैर बिल्कुल बंद कर दें। प्रदूषण के बीच सैर और खुले में व्यायाम घातक साबित हो सकता है। त्योहारों में लोगों का आवागमन भी बढ़ जाता है। प्रदूषण के मद्देनजर बेवजह यात्राओं को कम करने की जरूरत है।

इन बातों का रखें ख्याल

  • जिन्हें पहले से सांस की परेशानी व दिल की बीमारी है वे बिल्कुल बाहर न जाएं।
  • सांस के मरीज डाक्टर से बात कर अपनी दवाओं की डोज बढ़ा लें।
  • घर में धूप, अगरबत्ती न जलाएं।
  • घर में यदि सांस के मरीज व गर्भवती महिला हो तो एयर प्यूरिफायर लगाना चाहिए।
  • घर की खिड़कियों व दरवाजों को बंद रखें।
  • घर से बाहर निकलने पर एन 95 मास्क का इस्तेमाल करें।
  • ठंडी चीजें खाने से बचें, सांस की परेशानी होने पर भाप ले सकते हैं।
  • सांस लेने में परेशानी और सीने में जकड़न महसूस हो तो डॉक्टर से तुरंत दिखना चाहिए।

आयुर्वेद की एडवाइजरी

  • दो-तीन बार त्रिफला के पानी से आंख धोएं, जिससे एलर्जी दूर होगी।
  • देसी घी में तली डेढ़ से दो ग्राम हल्दी गुनगुने पानी या दूध से लेने में सांस और खांसी ठीक होगी।
  • गिलोय का सेवन करने से रोध प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी।
  • मंजिष्ठा में चार से पांच औषधियां होती हैं, इसका काढ़ा पीने से रक्त साफ होगा।
  • लौंग के इस्तेमाल से गले में खराश की समस्या दूर होगी।
  • पंचकर्म से शरीर से पित और हानिकारक तत्वों को बाहर करने में मदद मिलेगी

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प्रदूषण से बचाव के लिए सबसे जरूरी नाक और मुंह ढक कर रखना है। खानपान सही होना चाहिए। धूल और धुआं अधिक होने के कारण बाहर के खाद्य पदार्थ सेहत खराब कर सकते हैं। प्रदूषण अधिक होने पर आंखों जलन महसूस होने लगती है, इन्हें बचाएं। खुले में व्यायाम करने से बचें। -प्रो. डॉ. रमाकांत यादव, काय चिकित्सा, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान।

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