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दो राज्यों की पुलिस के रडार पर है दिल्ली पुलिस का बर्खास्त पुलिसकर्मी, जानिए क्या है मामला

हरियाणा में अक्टूबर में हुई हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ग्रुप डी की कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) परीक्षा का पेपर लीक करवाने के मामले में दिल्ली पुलिस का बर्खास्त कांस्टेबल रोबिन सिंह दिल्ली व हरियाणा पुलिस के रडार पर है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के साथ-साथ कई टीमें उसे पकड़ने के लिए पिछले एक महीने से छापेमारी कर रही हैं।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Thu, 23 Nov 2023 12:39 AM (IST)
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दो राज्यों की पुलिस के रडार पर है दिल्ली पुलिस का बर्खास्त पुलिसकर्मी, जानिए क्या है मामला
सोनू राणा, पश्चिमी दिल्ली। हरियाणा में अक्टूबर में हुई हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ग्रुप डी की कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) परीक्षा का पेपर लीक करवाने के मामले में दिल्ली पुलिस का बर्खास्त कांस्टेबल रोबिन सिंह दिल्ली व हरियाणा पुलिस के रडार पर है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के साथ-साथ कई टीमें उसे पकड़ने के लिए पिछले एक महीने से छापेमारी कर रही हैं।

पुलिस के अनुसार अभी तक की छानबीन के दौरान जितने भी आरोपित गिरफ्तार हुए हैं, उनसे मिली जानकारी के अनुसार पेपर लीक करवाने का मास्टमाइंड रोबिन ही है।

पूछताछ के दौरान पुलिस को आरोपितों में से एक ने बताया कि वह रोबिन का दोस्त है। रोबिन के कहने पर ही वह यहां पर आए थे।यहां पर उन्होंने परीक्षार्थियों को इकट्ठा किया। मुंडका, नांगलोई व आसपास के मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे परीक्षार्थियों को एक जगह पर बुलाया।

उन्हें रास्ता बताकर उनके रहने व खाने का प्रबंध किया, फिर उन्हें तोते की तरह पेपर के उत्तर रटवाए गए। उत्तरों की फाटो कापी करवाकर परीक्षार्थियों की दी गई थी।

आरोपित रोबिन हरियाणा के सोनीपत के एक गांव का रहने वाला है और पहले भी पेपर लीक करवा चुका है। दो वर्ष पहले भी उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। रोबिन दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल की पोस्ट पर कार्यरत था। वह भी वर्ष 2009 में फर्जी तरीके से ही दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। इसके बाद 2012-13 में इसने पूरे देशभर में अपने इस फर्जी काम के नेटवर्क को फैलाया।

आठ से 12 लाख रुपये लिए गए थे परीक्षार्थियों से

पुलिस को आरोपितों के पास से 80 मोबाइल बरामद हुए थे। उन मोबाइल की जब जांच की गई तो कुछ परीक्षार्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। उनसे पता लगा कि आठ से 12 लाख रुपये के बीच में उनसे पैसे लिए गए थे। इसके लिए परीक्षार्थियों को 100 उत्तर रट्टा मरवाए गए थे, जहां भी वह उत्तर दिखे, उन पर टिक लगाना था।

बना रखे हैं कई ग्रुप

पुलिस सूत्रों के अनुसार, रोबिन ने अपने गुर्गों के कई ग्रुप बना रखे हैं।पेपर लीक करने का काम एक ग्रुप का है। उसे हल करने का काम दूसरे ग्रुप का है। पेपर को फिर अलग-अलग जगह पहुंचाने की जिम्मेदारी अलग लोगों की है। परीक्षार्थियों को मैनेज करने की जिम्मेदारी अलग लोगों पर होती है। एक ग्रुप के लोगों को दूसरे ग्रुप के लोगों की कोई जानकारी नहीं होती है।

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यह है पूरा मामला

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 21 व 22 अक्टूबर को ग्रुप डी की कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस पेपर को लीक करवाकर परीक्षार्थियों को उत्तर बताए जा रहे थे। रणहौला थाना पुलिस ने 21 अक्टूबर को बापरोला इलाके से हरियाणा के रोहतक के सांपला निवासी कपिल व रोहतक के चिड़ी गांव के वेदपाल को गिरफ्तार किया था। यह परीक्षार्थियों को पेपर के उत्तर रट्टा मरवा रहे थे।

इनके पास से परीक्षार्थियों के बैग, परीक्षा पास करवाने के लिए गए एडवांस के बैंक चेक, मोबाइल व अन्य सामान बरामद किए गए थे। गिरफ्तारी के बाद आरोपित कपिल व वेदपाल ने एक-एक करके जमानत के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

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