लिखित में माफी मांगें केजरीवाल उसके बाद ही होगी बात, जारी रहेगा आंदोलन
आइएएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पहले लिखित में माफी मांगें, उसके बाद ही कोई बात होगी। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली में सरकार और अधिकारियों के बीच टकराव जारी है। 19 फरवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट के बाद से अधिकारियों ने सरकार की बैठकों का बहिष्कार किया हुआ है। उनकी मांग है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस घटना के लिए माफी मांगें। उधर, सरकार भी झुकने को तैयार नहीं है। अधिकारियों का रुख जानने के लिए दैनिक जागरण के मुख्य संवाददाता वीके शुक्ला ने आंदोलन कर रहे अधिकारियों के ज्वाइंट फोरम की सदस्य व दिल्ली सरकार में काम कर रहे आइएएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा सक्सेना से बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश..
सवाल- दिल्ली सरकार से टकराव कब तक चलेगा?जवाब- हमारी ओर से टकराव नहीं है। हमारी ओर से दो ही मुद्दे हैं कि सरकार अधिकारियों की गरिमा और उनकी सुरक्षा की गारंटी दे और मुख्य सचिव के साथ जो घटना हुई है, उसके लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पहले लिखित में माफी मांगें, उसके बाद ही कोई बात होगी। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। आखिर हम लोग मान-सम्मान को दांव पर लगाकर तो काम नहीं कर सकते। यह केवल अधिकारियों की बात नहीं है कर्मचारियों की भी बात है। एक विधायक लोगों से कहता है कि अधिकारियों को तो मारना ही चाहिए। अगले दिन बच्चे को डांट देने की घटना होने पर 50 लोग प्रिंसिपल और टीचर्स को पीटने के लिए स्कूल में घुस जाते हैं। यह अराजकता तो चलने नहीं दी जा सकती है।
सवाल- सरकार का कहना है कि अधिकारियों के रुख से काम बाधित हो रहा है, इस पर क्या कहना है?
जवाब- मुख्य सचिव के साथ मारपीट की जो घटना हुई है उससे सभी अधिकारी व कर्मचारी आहत हैं, फिर भी सभी मेहनत से काम कर रहे हैं पहले से भी ज्यादा काम कर रहे हैं। सभी का प्रयास है कि दिल्ली की जनता के कोई काम प्रभावित न हों।
सवाल- सरकार ने कहा है कि अधिकारियों के साथ बैठकों की लाइव कवरेज कराएगी? आपकी क्या राय है?
जवाब- विधानसभा और लोकसभा की कवरेज लाइव होती है जनता देखती है। कुछ बैठकों का लाइव कवरेज किया भी जा सकता है। लाइव करें जनता भी देखेगी कि उनके जनप्रतिनिधि किस तरह बात करते हैं। अधिकारी तो सिर्फ नियमों की ही बात करता है, इसलिए हमें इसका डर नहीं है। लेकिन गोपनीय बैठकों का लाइव कवरेज नहीं किया जा सकता है।
सवाल- राशन वाले मामले में सरकार की ओर से कहा गया है कि अधिकारी फाइलें रोक रहे हैं?
जवाब- यह मेरे विभाग का मामला नहीं है। मगर इस मामले में संबंधित विभाग ने प्रेस रिलीज जारी की है उसमें जानकारी उपलब्ध कराई थी कि विभाग की ओर से कोई देरी नहीं की गई। सरकार की ओर से बार-बार निर्देश बदलते रहे जिससे इसमें देरी हुई। दूसरी बात यह कि कैबिनेट नोट के लिए एक प्रोसीजर होता है। उसके लिए 15 दिन का समय निर्धारित होता है। लेकिन पांच कार्य दिवस तो कम से कम इसके लिए दिए जाते हैं। मंत्री जी ने फाइल ही स्वीकृति देकर 27 फरवरी को भेजी और कहा गया कि 28 फरवरी को इसे कैबिनेट में ले आया जाए। ऐसे में यह किसी भी स्थिति में संभव नहीं था। फाइल 19 फरवरी से लेकर 27 फरवरी तक तो मंत्री जी के पास ही थी।
सवाल- सरकार की ओर से कहा गया है कि ईपॉस से लोगों को परेशानी हुई है। सरकार ने जो कहा था अधिकारियों ने इस योजना को इस तरह से लागू नहीं किया है।
जवाब- ऐसा नहीं है कि विभाग के प्रेस नोट में कहा गया है कि राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सप्लाई मशीन (ईपॉस) लगाने से लोगों को लाभ मिला है। यदि यह का जा रहा है कि सरकार ने जैसा कहा था अधिकारियों ने वैसा नहीं किया तो यह गलत है। मैं बताना चाहूंगी कि किसी भी कार्य के लिए फाइलों में जो स्वीकृति दी जाती है अधिकारी वही करते हैं।
सवाल- मुख्य सचिव के साथ मारपीट के मामले के बाद दिल्ली के माहौल को किस रूप में देख रही हैं?
जवाब- यह ऐसी घटना है कि जिसने पूरे अधिकारी व कर्मचारी वर्ग को हिला कर रख दिया है। जब मुख्य सचिव के साथ ऐसा हो रहा है तो जो अन्य लोग फील्ड में काम करते हैं (अभियंता, तहसीलदारं, टीचर आदि) वे कैसे काम कर सकेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने ही उनके एक विधायक अधिकारियों के साथ मारपीट करने की बात करते हैं। मुख्यमंत्री उसे रोकते भी नही हैं तो इससे उनकी मंशा का पता चलता है। हमारा कहना है कि एक व्यवस्था बने कि अधिकारियों के साथ व्यवहार सम्मानजनक हो, उनकी गरिमा का ध्यान रखा जाए।
सवाल- सरकारें जनता के लिए काम करती हैं और अधिकारी भी चाहते हैं कि जनता के काम अधिक से अधिक हों तो झगड़ा कहां पर है?
जवाब- सभी कार्य नियम के तहत ही किए जा सकते हैं। नियमों को दरकिनार कर कोई भी कार्य कोई अधिकारी कैसे कर सकता है।
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