यूं ही बढ़ती रही AAP तो कांग्रेस मुक्त हो जाएगा देश! केजरीवाल ने दो राज्यों की सत्ता से किया बाहर
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के प्रयासों का नतीजा है कि दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई है और वो भी बहुत ही बुरी तरह से। भविष्य में भी ये सिलसिला जारी रह सकता है।
By sanjeev GuptaEdited By: Mangal YadavUpdated: Thu, 10 Mar 2022 06:58 PM (IST)
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। देश को कांग्रेसमुक्त करने की बात भले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही हो, लेकिन इसे साकार करने में आम आदमी पार्टी (आप) भी पूरा योगदान दे रही है। आप के ही प्रयासों का नतीजा है कि दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई है और वो भी बहुत ही बुरी तरह से। भविष्य में भी ये सिलसिला जारी रह सकता है।
दिल्ली में 1998 से 2013 तक यानी 15 साल कांग्रेस का शासन रहा। भाजपा सहित कोई भी सियासी पार्टी कांग्रेस को हरा नहीं पाई, लेकिन 2013 में आंदोलन से उपजी नवगठित आम आदमी पार्टी ने ताल ठोंकी और कांग्रेस को महज आठ सीटों पर समेट खुद के खाते में 28 सीटें ले गई। हालांकि, कांग्रेस से गतिरोध के चलते 49 दिन सरकार चलाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। 2015 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस को जीरो पर लाकर आप ने खुद 70 में से 67 सीटें झटक लीं।
2020 के विधानसभा चुनाव में भी आप ने कांग्रेस को सत्ता में प्रवेश नहीं करने दिया। खुद 62 सीटें जीतीं, जबकि आठ सीटें भाजपा को मिलीं। कांग्रेस के साथ दिल्ली वाला हाल ही आप ने अब पंजाब में कर दिया। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में जहां आप ने 117 में से 20 सीटें लेकर कांग्रेस के लिए चुनौती खड़ी कर दी थी, वहीं इस बार 92 सीटें पाकर कांग्रेस को सिर्फ 18 सीटों पर समेट उसे यहां पर भी सत्ता से बाहर कर दिया। दिलचस्प यह कि पंजाब में भी कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में थी, बावजूद इसके आप यहां भी उसे करारी शिकस्त देकर उसका विकल्प बन गई।
आम आदमी पार्टी के भावी लक्ष्यों पर नजर दौड़ाएं तो यह सिलसिला अब रुकने वाला नहीं लगता। पार्टी धीरे धीरे करके हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में दस्तक देने की तैयारी कर रही है। राष्ट्रीय राजनीति में आप अब पूरी तरह से कांग्रेस की जगह ले लेना चाहती है। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने बुधवार को एक ट्वीट करके कह भी दिया है कि 2024 के आम चुनाव में आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में न सिर्फ बड़ी चुनौती बनेगी, बल्कि कांग्रेस का स्वाभाविक विकल्प भी बनेगी।
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