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NCERT के अतिरिक्त निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए किया मजबूर तो होगी कार्रवाई, शिक्षा निदेशालय ने दी चेतावनी

शिक्षा निदेशालय ने आधा सत्र चालू हो जाने के बाद सभी निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक निर्देश जारी किया है। इसके तहत एनसीईआरटी के अतिरिक्त निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए मजबूर किए जाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। एनसीपीसीआर ने अप्रैल में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव और मुख्य सचिव को नोटिस भेज आदेश दिया था।

By Ritika Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 04 Aug 2024 08:07 AM (IST)
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पाठ्यक्रम में एकरूपता से विद्यार्थियों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शिक्षा निदेशालय ने सत्र शुरू होने के चार माह की देरी के बाद सभी निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि वो राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से आरटीई अधिनियम, 2009 को लेकर जारी आदेश का सख्ती से पालन करें।

एनसीपीसीआर ने नौ अप्रैल, 2024 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव और मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि आरटीई अधिनियम, 2009 के तहत सभी स्कूल में पाठ्यक्रम में एकरूपता हो विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।

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बच्चों के बैग का बोझ होगा कम 

एनसीपीसीआर ने कहा था कि निजी स्कूलों में प्राइमरी स्तर पर केवल एनसीईआरटी या एससीईआरटी द्वारा निर्धारित पुस्तक को ही पढ़ाया जाए पालन किया जाएगा। इससे बच्चों के बैग का बोझ भी कम होगा।

निर्देश न मानने पर होगी कार्रवाई

शिक्षा निदेशालय ने चार माह बाद इस आदेश को निजी स्कूलों को जारी करते हुए कहा कि अगर कोई स्कूल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) या राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तकों के अलावा अगर निजी प्रकाशकों की किताबें प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर करते हैं तो ये आरटीई अधिनियम का उल्लंघन होगा और ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई होगी।

निदेशालय ने कहा कि एनसीईआरटी या एससीईआरटी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों को स्कूल लाने पर किसी भी बच्चे के साथ भेदभाव नहीं किया जाए। निदेशालय ने प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया कि वो इसकी जानकारी अभिभावकों को भी दें।

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