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Delhi Landfill Sites: नया कूड़ा पड़ना हो बंद तो खत्म हो जाएंगे दिल्ली से कूड़े के पहाड़

Delhi Landfill Sites नगर निगम के इलाकों से हजार मीट्रिक टन कूड़ा प्रतिदिन निकलता है। सिर्फ ओखला लैंडफिल साइट पर नया कूड़ा नहीं पहुंच रहा। यहां लगे वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में प्रतिदिन दो हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण हो जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 12 Dec 2022 09:46 AM (IST)
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Delhi Landfill Sites: नया कूड़ा पड़ना हो बंद तो खत्म हो जाएंगे दिल्ली से कूड़े के पहाड़
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली निगम चुनाव में इस बार कूड़े के पहाड़ और सफाई का भी मुद्दा छाया रहा है, ऐसे में निगम के नए चुनकर आए सदस्यों को इस पर काम करने की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। इन सदस्यों को गली-मोहल्ले और बाजारों की साफ-सफाई से लेकर कूड़े के पहाड़ को खत्म करने पर गंभीरता से काम करना होगा।

रोजाना निकलता है 11 हजार मीट्रिक टन कूड़ा

लोग इधर-उधर कूड़ा न फेंके तो सफाई और बेहतर रह सकती है, बर्शते उचित स्थान पर डाले गए कूड़े को नियमित उठाया जाए। कूड़े के पहाड़ों (गाजीपुर, भलस्वा और ओखला लैंडफिल) को खत्म करने को नया कूड़ा डालना बंद करना होगा। दिल्ली निगम की बात करें तो प्रतिदिन 11 हजार मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।

ओखला लैंडफिल के पास 2000 मीट्रिक टन क्षमता का नया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगने के बाद यहां पर नया कूड़ा डलना अब पूरी तरह बंद हो गया है, लेकिन गाजीपुर और भलस्वा में भी रोजाना जाता है। कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए ट्रामल मशीनें पुराने कूड़े में प्लास्टिक व अन्य पदार्थों को अलग करती हैं।

भलस्वा लैंडफिल पर 44 ट्रामल मशीनें चल रही हैं। इससे प्रतिदिन 10 हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण होता है। ओखला पर 26 और गाजीपुर लैंडफिल पर 10 ट्रामल मशीनें चल रही हैं। तीन हजार मीट्रिक टन नया कूड़ा इन लैंडफिल पर डलता है।

500 से अधिक अनधिकृत कालोनियों में नहीं है सीवर लाइन

दिल्ली में गंदगी की वजह सीवरेज की अव्यवस्था भी है, क्योंकि कई कालोनियों में सीवर की लाइन न होने से सीवरेज नालियों में ही बहा दिया जाता है और यह यमुना में पहुंचता है। दिल्ली में 500 से अधिक ऐसी अनधिकृत कालोनियां हैं, जिनमें सीवरेज की लाइन नहीं है।

दिल्ली जल बोर्ड ने इस समय 35 स्थानों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा रखें हैं। इनकी क्षमता 597 मीलियन गैलन लीटर प्रतिदिन है। दिल्ली में सीवरेज के माध्यम से ट्रीटमेंट प्लांट तक 768 एमजीडी सीवरेज पहुंचता है। ऐसे में 171 एमजीडी सीवरेज का ट्रीटमेंट ही नही हो पाता है।

दिल्ली में कुल 1799 कालोनियां हैं। इसमें से 725 कालोनियां सीवर लाइन के लिए अधिसूचित हैं और इनमें लाइन बिछ चुकी है। जबकि 562 कालोनियों में अभी सीवर लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है।

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