साइबर ठगी के हो गए हैं शिकार तो राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर पर करें शिकायत, वापस मिल जाएगी ठगी गई रकम
इसका संचालन सभी राज्यों में स्थानीय पुलिस के द्वारा ही किया जा रहा है। इस पर मिली ठगी की शिकायत से राजस्थान में 1.3 करोड़ रुपये दिल्ली में 1.1 करोड़ रुपये व तेलंगाना में 88 लाख रुपये बचाए गए हैं। अन्य राज्यों में भी यह आंकड़ा लाखों में है।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 19 Jul 2021 01:29 PM (IST)
नई दिल्ली, धनंजय मिश्रा। साइबर ठगी के शिकार लोगों के पैसे बचाने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 155260 से साढ़े तीन माह में 5.9 करोड़ रुपये बचाए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर की ओर से इस हेल्पलाइन को इसी वर्ष एक अप्रैल को शुरू किया गया था। यह हेल्पलाइन नंबर फिलहाल 18 राज्यों में संचालित हो रहा है।
इसकी खासियत यह है कि इसका संचालन सभी राज्यों में स्थानीय पुलिस के द्वारा ही किया जा रहा है। इस पर मिली ठगी की शिकायत से राजस्थान में 1.3 करोड़ रुपये, दिल्ली में 1.1 करोड़ रुपये व तेलंगाना में 88 लाख रुपये बचाए गए हैं। अन्य राज्यों में भी यह आंकड़ा लाखों में है। इस हेल्पलाइन नंबर को 63 बैंक, वालेट समेत अन्य लगभग सभी आनलाइन पैसों के लेनदेन के डिजिटल माध्यमों से जोड़ा गया है।
ठगों के पास नहीं पहुंच पाती रकम
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के डीसीपी अन्येश राय का कहना है कि ठगी की शिकायत मिलते ही सबसे पहले संबंधित बैंक व वालेट (जिसमें ठगी का पैसा भेजा जा रहा है) को अलर्ट संदेश भेजा जाता है। इसके अलावा जिस बैंक से पैसे भेजे जा रहे हैं, उसे भी अलर्ट संदेश भेज दिया जाता है। इससे पैसों को ठगों तक पहुंचने से पहले ही रोक लिया जाता है। वहीं यदि पैसे ठगो के बैंक व वालेट में चले गए हैं, तो उसे फ्रीज कर दिया जाता है।
अधिकारी ने बताया कि अभी हाल ही में एम्स के डाक्टर चेतन कुमार के साथ ऐसी ही एक घटना हुई थी। उनके खाते से करीब सवा चार लाख रुपये ठग लिए गए थे। हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत मिलने के बाद करीब सवा तीन लाख रुपये ठगों तक पहुंचने से रोक लिए गए।
इन राज्यों में संचालित हो रहा हेल्पलाइन नंबर हेल्पलाइन नंबर को एक अप्रैल को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ में लांच किया गया था। अच्छे परिणाम आने के बाद अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, दमन दीव और दादर नगर हवेली व दो अन्य राज्यों में भी इसे लांच किया गया है। अन्य राज्यों में भी संचालित करने की योजना बनाई जा रही है।
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