Move to Jagran APP

हेपेटाइटिस के मरीजों को निजी अस्पतालों में भी मिलेंगी मुफ्त दवाएं, करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा

लिवर की खतरनाक बीमारी हेपेटाइटिस सी के बाद केंद्र सरकार हेपेटाइटिस बी का इलाज भी निशुल्क उपलब्ध कराने की तैयारी में है।

By Edited By: Updated: Sun, 21 Jul 2019 04:30 PM (IST)
Hero Image
हेपेटाइटिस के मरीजों को निजी अस्पतालों में भी मिलेंगी मुफ्त दवाएं, करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार निजी अस्पतालों में भी मरीजों को निशुल्क व जांच की सुविधा उपलब्ध कराएगी। टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की तर्ज पर इस योजना पर अमल के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है।

यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान (आइएलबीएस) में हेपेटाइटिस पर आयोजित एक सम्मेलन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव विकास शील ने यह जानकारी दी। देश में करीब साढ़े चार करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं। इसके अलावा करीब एक करोड़ 20 लाख लोग हेपेटाइटिस सी से पीड़ित होते हैं। ज्यादातर लोगों में इस बीमारी का पता तब चलता है जब वह गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी होती है। हेपेटाइटिस की वजह से लिवर सिरोसिस व कैंसर होने का खतरा रहता है। हालांकि हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए सस्ती व कारगर दवाएं उपलब्ध हो गई हैं।

वर्ष 2017 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया था। इसके तहत सरकारी अस्पतालों में हेपेटाइटिस सी की जांच व दवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित कई राज्यों में मरीजों को इसका फायदा भी मिल रहा है। जल्द सभी राज्यों के जिला अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसका मकसद वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस सी को मिटाना है। इसी क्रम में सरकार हेपेटाइटिस बी की दवाएं भी निशुल्क उपलब्ध कराएगी।

फिलहाल ऐसी कोई दवा उपलब्ध नहीं है जिससे हेपेटाइटिस बी को पूरी तरह खत्म किया जा सके, लेकिन उपलब्ध दवाओं से इस वायरस को प्रभावहीन किया जा सकता है। इससे मरीज सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। विकास शील ने कहा कि काफी संख्या में लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराते हैं।

टीबी नियंत्रण कार्यक्रम में निजी अस्पतालों को जोड़ा गया है। इसका बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। पिछले साल निजी अस्पतालों ने टीबी से पीड़ित पांच लाख मरीजों को चिह्नित किया। इस साल यह आंकड़ा सात लाख पहुंचने की उम्मीद है। इसी तरह हेपेटाइटिस नियंत्रण के लिए भी निजी अस्पतालों की मदद ली जाएगी। बहरहाल, यह योजना लागू होने पर निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले हेपेटाइटिस के मरीजों को सिर्फ डॉक्टर को कंसलटेंसी शुल्क देना पड़ेगा। जांच व दवाएं सरकार उपलब्ध कराएगी।

 दिल्ली-NCR की ताजा खबरें और स्टोरीज पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक


 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।