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हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर, 'बंद किए जाएं अवैध पैथोलॉजी लैब व डायग्नोस्टिक सेंटर'

दिल्ली में कुल 131 पैथोलॉजी लैब संचालित हैं, जबकि हरियाणा (एनसीआर) में कुल 36 व उत्तर प्रदेश (एनसीआर) में कुल 39 पैथोलॉजी लैब चल रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल 207 पैथोलॉजी लैब हैं।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 07:58 AM (IST)
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हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर, 'बंद किए जाएं अवैध पैथोलॉजी लैब व डायग्नोस्टिक सेंटर'
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में अयोग्य लैब टेक्नीशियन द्वारा अवैध तरीके से चलाए जा रहे पैथोलॉजी लैब व डायग्नोस्टिक सेंटर बंद किए जाएं। लैब व सेंटर खोलने व इसे चलाने के लिए नीति बनाने के साथ ही इस पर निगरानी रख कर कार्रवाई करने के लिए एक प्राधिकरण बनाया जाए। उक्त मांग के साथ हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस पर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल 207 पैथोलॉजी लैब

याचिकाकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा की तरफ से अधिवक्ता शशांक देव सोढ़ी व अधिवक्ता डॉ. शशि भूषण ने याचिका दायर की है। इसमें राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड से मिली सूचना के अधिकार के तहत जानकारी भी दी गई है। इसके तहत दिल्ली में कुल 131 पैथोलॉजी लैब संचालित हैं, जबकि हरियाणा (एनसीआर) में कुल 36 व उत्तर प्रदेश (एनसीआर) में कुल 39 पैथोलॉजी लैब चल रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कुल 207 पैथोलॉजी लैब हैं।

अयोग्य लोग लैब में टेस्ट कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं

याचिका के अनुसार राजधानी में बड़ी संख्या में ऐसी पैथोलॉजी लैब व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हैं, जिनमें योग्य लैब टेक्नीशियन नहीं हैं और अयोग्य लोग लैब में टेस्ट कर रिपोर्ट भी तैयार कर रहे हैं। याचिका में कहा गया कि दिल्ली सरकार राजधानी में लैब व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित करने में असफल रही है। इतना ही नहीं सरकार यह पता लगाने में भी नाकाम रही है कि एनसीटी में अवैध लैब व सेंटर कितने बढ़े हैं। राजधानी में अब तक क्लीनिकल स्टैबलिशमेंट एक्ट 2010 को लागू नहीं किया जा सका।

नियमों का हो रहा है उल्लंघन

याचिका के अनुसार दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह से लैब की सुविधा नहीं है और मरीजों को कई बीमारियों के लिए निजी अस्पतालों में रेफर भी किया जाता है। याचिका के अनुसार नियम के तहत आवासीय क्षेत्र से आठ किलोमीटर के अंदर ही पैथोलॉजिस्ट अपना सैंपल कलेक्शन सेंटर बना सकता और पैथोलॉजिस्ट एक ही शहर में दो से अधिक डायग्नोस्टिक सेंटर में काम नहीं कर सकता। दिल्ली में इन नियमों का कई जगह उल्लंघन हो रहा है, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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