दिल्ली के 25 लाख वाहन मालिकों के लिए जरूरी खबर, कर लें यह काम वरना होगा 10,000 रुपये का चालान
दिल्ली में करीब 26 लाख वाहनों में एचएसआरपी और कलर स्टीकर लगाए जाने हैं। अब प्रतिदिन 1500 की होम डिलीवरी की जा रही है। वहीं डीलरों के यहां भी बढ़ाकर प्रतिदिन की 3000 की क्षमता कर दी गई है।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 07 Dec 2020 11:01 AM (IST)
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। देश की राजधानी दिल्ली में जिन लोगों के पास दिल्ली के पंजीकृत ऐसे वाहन हैं, जिनकी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (High Security Registration Plates) नहीं है, वे इसे लगवा लें, अन्यथा उनके खिलाफ परिवहन विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। परिवहन विभाग ने इस संबंध में एक बार फिर से इस बारे में वाहन मालिकों को चेताया है। इससे पहले विभाग 16 नवंबर को भी इस बारे में सार्वनजिक सूचना जारी कर चुका है। मगर अब तक केवल 70 हजार लोगों ने ही रजिस्ट्रेशन प्लेट के लिए आवेदन किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में 50 हजार के करीब वाहनों में एचएसआरपी लगाई जा चुकी है। इसमें 10 हजार वाहनों के लिए प्लेट की होम डिलीवरी की गई है।
26 लाख वाहनों में लगाई जानी है High Security Registration Platesयहां पर बता दें कि दिल्ली में करीब 26 लाख वाहनों में एचएसआरपी और कलर स्टीकर लगाए जाने हैं। अब प्रतिदिन 1500 की होम डिलीवरी की जा रही है। वहीं, डीलरों के यहां भी बढ़ाकर प्रतिदिन की 3000 की क्षमता कर दी गई है।
High Security Registration Plates लगाने में रुचि नहीं ले रहे लोगगौरतलब है कि दिल्ली में बंद हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) के लिए 1 नवंबर से बुकिंग शुरू की गई है। 8 नवंबर से नंबर प्लेट लगाए जाने का काम शुरू किया गया है। एचएसआरपी की होम डिलीवरी भी शुरू की गई है, मगर अभी लोग कोई खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
दिल्ली में बढ़ाए गए सेंटर
राजधानी दिल्ली में एचएसआरपी लगवाने के लिए 150 से बढ़ाकर 658 सेंटर बनाए गए हैं। इस सुविधा को घर बैठे प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है। इसमें आवेदक को कार के लिए 250 रुपये और दोपहिया वाहन के लिए 125 रुपये के शुल्क का भुगतान करना होता है। Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।