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आक्रामक हाथी को शांत करने की कोशिश में चिड़ियाघर प्रशासन ने कर दिया बीमार, पैर के जख्म से 40 दिनों से जूझ रहा 'शंकर'

दिल्ली के चिड़ियाघर प्रशासन ने आक्रामक हो चुके हाथी को शांत करने के प्रयास में उसे बीमार कर दिया। हाथी 40 दिनों से दर्द से कराह रहा है लेकिन उसे अभी तक इलाज नहीं मिल पाया है। चिड़ियाघर और एक्वेरियम संघ (वाजा) ने इसका संज्ञान लिया है और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को पत्र लिखकर हाथी की पूरी रिपोर्ट मांगी है। शंकर 19 वर्षों से अकेला है।

By Ritika Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 07 Jul 2024 07:44 AM (IST)
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राष्ट्रीय प्राणी उद्वान के बाड़े में बीमार पड़ा अफ्रीकी हाथी शंकर। फोटो- जागरण
रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में 19 वर्षों से अकेले अफ्रीकी हाथी शंकर को साधने की कोशिश में प्रशासन ने उसे बीमार कर दिया है। चिड़ियाघर प्रशासन शंकर को साधने के लिए बीते एक वर्ष से उसे जंजीर में बांध कर रख रहा है, स्थिति ये है कि अब जंजीर उसके पैर में धंस गई है, जिससे उसका पिछला बायां पैर जख्मी हो गया है। बीते 40 दिनों से दर्द से कराह रहे शंकर को अभी तक इलाज नहीं मिल पाया है।

विश्व चिड़ियाघर और एक्वेरियम संघ (वाजा) ने शंकर की दयनीय स्थिति को देखते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) के सदस्य सचिव संजय शुक्ला और राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के निदेशक डा. संजीत कुमार को पत्र लिखकर शंकर की पूरी रिपोर्ट तलब की है। वाजा नैतिकता उपसमिति के अध्यक्ष व पशु कल्याण विज्ञान के उपाध्यक्ष लांस मिलर ने शंकर को जंजीरों में बांधने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।

19 वर्षों से अकेला है शंकर

वर्ष 2005 में अपनी साथी बाम्बेई की मृत्यु के बाद से शंकर हाथी अकेला है। धीरे-धीरे उसके व्यवहार भी आक्रामक होने लगा है। महावत को भी हाथी ने कई बार लात मारी। इसी को देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने उसे सितंबर 2023 से शंकर को जंजीर से बांधना शुरू किया था और उसके बाद मार्च 2024 में जंजीर को हटा दिया गया था। बाद में फिर से जंजीर लगा दी गई।

इस दौरान लगातार जंजीर बांधने से उसके पैर में जख्म हो गया और धीरे धीरे जंजीर उसके पैरों के मांस धंस गई है। बाड़ा नंबर 13 में रह रहे इस हाथी के प्रबंधन और देखभाल की जिम्मेदारी चिड़ियाघर में क्यूरेटर के पद पर तैनात डॉ. मनोज की है।

वाजा ने हाथी को बांधने को लेकर मांगी जानकारी

वाजा ने इसे लेकर दिल्ली चिड़ियाघर से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या शंकर को इस दौरान लगातार बांधा गया था व मार्च 2024 के बाद अब भी उसे दिन या रात में किसी भी समय बांधा जा रहा है? वाजा ने हाथी को बांधने को लेकर पूरा विवरण मांगा है जिसमें बांधने की तिथि और अवधि भी पूछी है।

रबर से ढकी हुई थी जंजीरें

इसके साथ ही पूछा है कि क्या मार्च 2024 से पहले इस्तेमाल की गई जंजीरें रबर से ढकी हुई थी। वाजा ने जंजीरों से शंकर के पैर के स्वास्थ्य या अन्य स्वास्थ्य मापदंडों को प्रभावित करने वाले मेडिकल रिकॉर्ड और उसे दूर करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में व शंकर के नियमित ध्यान रखने को लेकर मौजूद दस्तावेज, हाथी के प्रबंधन दिशा-निर्देशों के दस्तावेज मांगे हैं।

हाथी के व्यवहार संबंधी जरूरतें पूरी हो रही हैं यह सुनिश्चित करने के लिए सभी मौजूदा पर्यावरण संवर्धन, प्रशिक्षण और अन्य कार्यक्रमों का विवरण मांगा है। इसके साथ उसके बाड़े के अंदर बुनियादी ढांचे में हुए बदलावों के बारे में विवरण मांगा है।

साथ ही पूछा है कि क्या शंकर के रहने के स्थान को पर्याप्त रूप से संशोधित और उन्नत किया गया है ताकि भविष्य में उसको बांधने की आवश्यकता न पड़े। वहीं, उसके कल्याण में सुधार के लिए किसी दीर्घकालिक योजना का विवरण भी मांगा है। वाजा ने शंकर को किसी नई जगह स्थानांतरित करने के सभी पिछले प्रयासों के बारे में विस्तृत दस्तावेज मांगे हैं।

शंकर जब भी मुस्त की स्थिति में आता है तो अन्य पशुओं और रखवालों के लिए खतरा ने हो इसके लिए अंतिम उपाय के रूप में प्रबंधन के लिए जंजीर बांधी जाती है। वाजा की चिंताओं का अनुपालन किया जाएगा। हम शंकर के लिए एक साथी की तलाश करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल उसका उपचार चल रहा है और जंजीर को हटाने या स्थानांतरित करने का काम एक या दो दिन में किया जाएगा।

- डॉ. संजीत कुमार, निदेशक, राष्ट्रीय प्राणी उद्यान

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