राजधानी के कुछ इलाकों में कोरोनावायरस महामारी ने मासूमों से उनका सुबह-शाम का दूध भी छीना
कोरोना महामारी वाकई लोगों के लिए अभिशाप बनी हुई हैं। कोरोना संक्रमण के कारण राजधानी में लोगों को जहां भोजन के लिए भटकना पड़ रहा है वहीं कुछ मासूमों से महामारी ने उनका सुबह-शाम का दूध भी छीन लिया है।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 16 May 2021 01:16 PM (IST)
नई दिल्ली, [राहुल सिंह]। कोरोना महामारी वाकई लोगों के लिए अभिशाप बनी हुई हैं। कोरोना संक्रमण के कारण राजधानी में लोगों को जहां भोजन के लिए भटकना पड़ रहा है, वहीं कुछ मासूमों से महामारी ने उनका सुबह-शाम का दूध भी छीन लिया है। नई दिल्ली जिले की झुग्गी झोपडि़यों में रहने वाले परिवार के लोग प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर रहे हैं कि उनके बच्चों को दूध नहीं मिल रहा है। ऐसे में अब प्रशासन ने सामाजिक संस्था के साथ ऐसे ही मासूम बच्चों को दूध पहुंचाने का काम शुरू किया है।
नई दिल्ली के एसडीएम नितिन शाक्या ने बताया कि प्रशासन लगातार कोरोना मरीजों की देखरेख में युद्ध स्तर पर जुटा है। अस्पतालों, क्वारंटाइन व आइसोलेशन सेंटर और होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों तक खाना पहुंचाने का काम लगातार किया जा रहा है। जरूरतमंद लोगों को भी उनका राशन व खाने के पैकेट पहुंचाने का काम प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। ऐसे में पिछले दिनों वसंत कुंज इलाके की झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले कुछ स्वजन की शिकायत प्रशासन के पास आई थी कि लाकडाउन के कारण उनके बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा है। इस कारण छह महीने से लेकर दो साल तक के बच्चे भूखे रह रहे हैं।
लोगों का कहना था कि इलाके की सभी दुकानें बंद होने और कंटेनमेंट जोन बनने के कारण उन्हें कालोनियों में जाने नहीं दिया जा रहा है, वहीं उन्होंने कहा कि बहुत से लोग झोपड़ी में आकर राशन का सामान तो दे जाते हैं, जिससे बड़ों का पेट भर जाता है, लेकिन बच्चे भूखे रह जाते हैं। लोगों की शिकायत के बाद नई दिल्ली जिला प्रशासन ने सामाजिक संस्था उम्मीद का प्रयास के साथ मिलकर मासूमों को दूध के पैकेट पहुंचाने का काम अब शुरू किया है। संस्था से जुड़े हर दयाल सुबह और शाम बच्चों को दूध पहुंचाने का काम कर रहे हैं। वहीं, कार्यक्रम कोआर्डिनेटर बादल भी उनका इसमें साथ दे रहे हैं। इससे बच्चों को समय पर दूध मिल पा रहा है।
जब दूध की बोतल में बच्चों को दिया जा रहा था पानी अधिकारियों का कहना है कि जब प्रशासन की टीम और संस्था के लोग मासूम बच्चों के लिए दूध के पैकेट लेकर पहुंचे तो उनका चेहरा देखने लायक था। कई मां दूध की कमी होने के कारण बच्चों को दूध की बोतल में पानी मीठा करके पिला रही थीं, जिसे देखकर सभी ¨चतित हो गए। इसके बाद से लगातार बच्चों को दूध पहुंचाया जा रहा है।
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