Delhi: अतिक्रमण के नाम पर बेचा जा रहा लाल किले का फुटपाथ, रेहड़ी-पटरी वाले बढ़ाते जा रहे कब्जा;
लाल किला के सामने वाली मुख्य सड़क और आसपास के क्षेत्र में अतिक्रमण विकराल रूप धारण कर चुका है। यहां पर हजारों की संख्या में रेहड़ी-पटरी वालों का कब्जा है। यह कब्जा सुबह से रात 10 बजे तक रहता है।
By Dhananjai MishraEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 19 May 2023 12:21 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लाल किला के सामने वाली मुख्य सड़क और आसपास के क्षेत्र में अतिक्रमण विकराल रूप धारण कर चुका है। यहां पर हजारों की संख्या में रेहड़ी-पटरी वालों का कब्जा है। यह कब्जा सुबह से रात 10 बजे तक रहता है।
इससे निजात पाने को लेकर यहां के दुकानदार और जनता शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक का दरवाजा खटखटाते रहते हैं। हाई कोर्ट तक पहुंचे हैं। हाइ कोर्ट ने संबंधित एजेंसियों को अतिक्रमण को लेकर सख्त टिप्प्णी की थी और कहा था कि इसे तुरंत हटाया जाए।
एजेंसियों ने खानापूर्ती के लिए अतिक्रमण हटाया भी, लेकिन एक दो दिन बाद स्थिति फिर जस की तस हो गई। अब हालत और चिंताजनक हो गए है, क्योंकि यहां पर अतिक्रमणकारियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हाे रही है। लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार एजेंसियों के लोग पैसे लेकर अतिक्रमणकारियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
लालकिले के सामने जाने वाली सड़क के दोनों तरफ करीब एक किलोमीटर तक अतिक्रमण फैला हुआ है। यहां पर पान-गुटखा, पानी, जूता, चप्पल, मोबाइल एसोसरीज, खाने-पीने, कपड़ा आदि की रेहड़-पटरी लगती है। इस वजह से सुबह 10 बजे से ही दरियागंज पार करते ही भीषण जाम लगना शुरू होता है।
यह स्थिति देर शाम तक बनी रहती है। इससे चांदनी चौक खरीददारी करने और लालकिला घूमने आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अतिक्रमण हटाने के सारे प्रयास हो रहे विफल
आरोप है कि इन रेहड़ी-पटरी के कब्जे के पीछे पूरा एक तंत्र काम करता है, जिसमें माफिया व जनप्रतिनिधि से लेकर एमसीडी व दिल्ली पुलिस के लोग शामिल हैं। यह लोग रेहड़ी पटरी वालों से पैसे लेकर फुटपाथ और सड़क के कुछ हिस्सों तक को बेच रहे हैं। इस वजह से अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
लाेगों का यह भी आरोप है कि अतिक्रमणकारियों से पुलिस और अन्य एजेंसियों के कुछ लोग प्रति दिन के हिसाब से चार से पांच लाख रुपये ले रहे हैं। गत वर्ष फरवरी में अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन उसके एक दो दिन बाद फिर स्थिति पहले वाली हो गई।लाल किला ऐतिहासिक स्थल हैं यहां हजारों लोग घूमने आते हैं। इनमें विदेश के पर्यटक भी शामिल हैं। अतिक्रमण के वजह से लाल किले के सामने काफी भीड़ हो जाती है, ऐसे में आपराधिक घटनाएं छिनाझपटी, लूट, चोरी जैसी घटनाएं अक्सर होती हैं।
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