Move to Jagran APP

दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर PUC केंद्रों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, वाहन चालकों की बढ़ी परेशानी

पीयूसी केंद्रों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गई है। 16 जुलाई को पेट्रोल पंपों पर 644 से अधिक पीयूसी केंद्र बंद रहे। वो शुल्क बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। पेट्रोल पंपों के पीयूसी केंद्रों पर 12 हजार वाहनों की प्रतिदिन प्रदूषण जांच होती है। जिससे 10 लाख रुपये प्रतिदिन शुल्क आता है।

By Nimish Hemant Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 16 Jul 2024 12:03 AM (IST)
Hero Image
खड़क सिंह मार्ग स्थित पेट्रोल पंप पर हड़ताल के दौरान बंद प्रदूषण जांच काउंटर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के पेट्रोल पंप स्थित प्रदूषण जांच केंद्र (पीयूसी, PUC) शुल्क बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। सोमवार को हड़ताल के पहले दिन दिल्ली के सभी केंद्र बंद रहे, जिसके चलते वाहनों की प्रदूषण जांच कराने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई वाहन चालक पीयूसी जांच के लिए पड़ोसी राज्य हरियाणा व उत्तर प्रदेश का रुख किया

दिल्ली में स्थित 400 पेट्रोल पंपों पर 644 पीयूसी सेंटर है, जिससे प्रतिदिन औसतन 12 हजार वाहनों की प्रदूषण जांच होती है। जिससे करीब 10 लाख रुपये 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ शुल्क वसूले जाते हैं।

...तब तक जारी रहेगी हड़ताल

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा कि जब तक शुल्क बढ़ोत्तरी नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि इसे लेकर अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं।

अभी और कीमत बढ़ाने की कर रहे मांग

वैसे, दिल्ली सरकार ने हाल ही में पीयूसी शुल्क में बढ़ोत्तरी की है। नई दर के अनुसार, दो पहिया व तीन पहिया वाहन से 80 रुपये, चार पहिया वाहन के 110 रुपये तथा डीजल वाहनों से 140 रुपये शुल्क वसूला जाएगा, जबकि पेट्रोल पंप संचालक इसे क्रमश: 150, 200 व 300 रुपये प्रति वाहन करने की मांग कर रहे हैं।

केंद्रों को चलाने में आता है ज्यादा खर्च

पंप संचालकों के अनुसार, केंद्र के संचालन का खर्च और कर्मचारियों के वेतन बढ़ोत्तरी को देखते हुए मौजूदा बढ़ोत्तरी नाकाफी है। क्योंकि, सरकार द्वारा मात्र 35 प्रतिशत तक की यह बढ़ोत्तरी 13 साल बाद है। तब से अब में पीयूसी केंद्र के संचालन में खर्च कई गुना बढ़ गए हैं। कर्मियों के वेतन में भी तीन गुना वृद्धि हुई है।

इस बीच, पीयूसी सेंटरों के बंद होने से जांच कराने आए वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मथुरा रोड के एक पंप स्थित पीयूसी सेंटर के बाहर मिले दो पहिया वाहन चालक राकेश ने कहा कि उसके वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र खत्म हो गया है। उसे हड़ताल की जानकारी नहीं थी। इसलिए वह यहां तक आ गया। उसकी तरह कई अन्य वाहन चालक मिले, जो पीयूसी नहीं खुले होने से निराश लौटे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।