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Independence Day 2023: आजादी के दीवानों की कहानी याद दिलाता है चांदनी चौक, 1942 में कई प्रदर्शनकारी हुए बलिदान

Independence Day 2023 80 वर्ष पूर्व बलिदान हुए स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों की याद में आज बुधवार को यहां विभिन्न संगठनों द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यहां झंडारोहण की 81वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। झंडे की सलामी लेते हुए देशभक्ति के तराने गाए जाएंगे। मिष्ठान का वितरण भी होगा। इसी तरह राजघाट से एक यात्रा भी इस क्षेत्र में आएगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 09 Aug 2023 08:21 AM (IST)
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Independence Day 2023: 80 वर्ष पूर्व के चांदनी चौक में झंडा थामे युवा, महिलाओं और बच्चों का जत्था
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। Independence Day 2023 : आजादी के मतवालों का वह दौर ही अलग था, मां भारती की स्वाधीनता के लिए मर मिटने को जिदंगी का ध्येय समझा जाता था। बात 80 वर्ष पूर्व की, लेकिन लगता ऐसे हैं जैसे सब सामने घटित हो रहा हो।

उधर से क्रांतिकारियों की टोली गगनभेदी नारे लगाते बढ़ रही है, तो इस ओर संगीन ताने पुलिस वालों का दस्ता खड़ा है। फिर एक-दूसरे से भिड़ंत और गोलियों व लाठियों के वार से गिरते, दम तोड़ते लोग। उसमें से भी कुछ लोग आगे बढ़ जाते हैं और गुलाम मुल्क में आजादी का परचम लहराते हैं।

अंग्रेजों की पुलिस ने क्रांतिकारियों पर बरसाईं थी गोलियां

वर्ष 1942 को चांदनी चौक में यहीं तो हुआ था नौ अगस्त के दिन। कटरा नील के बाहर क्रांतिकारियों पर अंग्रेजों की पुलिस ने गोलियां बरसाईं। जिसमें कई युवाओं की जान चली गई थी। महात्मा गांधी ने ही तय किया कि आठ अगस्त को मुंबई में तो नौ को चांदनी चौक के टाउन हाल पर तिरंगा फहराया जाएगा।

यहीं हुई थी बम फेंकने की घटना

कुछ दिन पहले ही लार्ड हार्डिंग के जुलूस पर कटरा नील के सामने लाला हनुमत सहाय द्वारा बम फेंकने की घटना हुई थी, उसके बाद से ही पुरानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी।

फिर जैसे ही झंडा फहराने के कार्यक्रम की जानकारी मिली वैसे ही, टाउन हाल के आसपास भारी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया और घोषणा कर दी गई थी कि यहां जो भी आएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन आजादी के दीवाने कहां मानने वाले थे।

अरुणा आसफ अली ने झंडा फहराने के कार्यक्रम की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी और नौ अगस्त को टाउन हाल के सामने पहुंच गईं। आसपास पहले से ही रामचरण अग्रवाल, कुंदन लाल शर्मा, वीर मुस्ताक अहमद आदि मौजूद थे और अरुणा आसफ अली के पहुंचते ही जुटकर सभी ने तिरंगा को फहराया था।

पूर्व सांसद व दिल्ली कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल बताते हैं कि नील कटरा के बाहर नानक चंद्र मिश्र, राजेन्द्र नाथ मेहरा और उनके साथियों ने अंग्रेजों की पुलिस की गोलियों से लोहा लिया था। नानक समेत कई लोग घायल हुए और कई बलिदान हुए, जो बचे गिरफ्तार कर लिया गया था।

आज होंगे कई कार्यक्रम

80 वर्ष पूर्व बलिदान हुए स्वाधीनता संग्राम के सेनानियों की याद में बुधवार को यहां विभिन्न संगठनों द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यहां झंडारोहण की 81वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। झंडे की सलामी लेते हुए देशभक्ति के तराने गाए जाएंगे। मिष्ठान का वितरण भी होगा। इसी तरह राजघाट से एक यात्रा भी इस क्षेत्र में आएगी।

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