Independence Day: रेलवे स्टेशनों पर लगेंगी प्रदर्शनी, विभाजन विभीषिका दिवस पर दिखेगा बंटवारे का दर्द
रेलवे स्टेशनों पर देश के बंटवारे के समय हुई त्रास्दी का दर्द महसूस कर सकेंगे। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। इसके अंतर्गत पूरे देश में बड़े रेलवे स्टेशनों पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को विभाजन के समय लोगों पर हुए अत्याचार की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए आइसीएचआर और आइजीएनसीए)के सहयोग से रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शनी लगाई जा रही है।
By Santosh Kumar SinghEdited By: Nitin YadavUpdated: Fri, 11 Aug 2023 08:18 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। यात्री रेलवे स्टेशनों पर देश के बंटवारे के समय हुई त्रास्दी का दर्द महसूस कर सकेंगे। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाता है। इसके अंतर्गत पूरे देश में बड़े रेलवे स्टेशनों पर कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को विभाजन के समय लोगों पर हुए अत्याचार की जानकारी दी जाएगी।
इसके लिए भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिसर (आइसीएचआर) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) के सहयोग से रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शनी लगाई जा रही है। डिजिटस स्क्रीन पर भी इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
युवाओं को मिलेगी बंटवारे की सही जानकारी
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का मुख्य उद्देश्य देशवासियों विशेषकर युवाओं को देश बंटवारे के इतिहास की सही जानकारी देना है। नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली सहित देश के बड़े रेलवे स्टेशनों पर प्रति दिन बड़ी संख्या में यात्री पहुंचते हैं।इन स्टेशनों पर लगेगी प्रदर्शनी
इसे ध्यान में रखकर रेलवे प्रशासन ने विशेष प्रदर्शनी व अन्य कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा तैयार की गई प्रदर्शनी के साथ विभाजन के समय रेलवे की भूमिका पर प्रदर्शनी लगेगी।
नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन सहित अन्य स्टेशनों पर प्रदर्शनी देख सकेंगे। वहीं, इस ऐतिहासिक घटनाक्रम से जुड़े अमृतसर सहित अन्य रेलवे स्टेशनों पर अलग से कार्यक्रम होंगे।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि डिजिटल मंच पर भारतीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने के लिए रेल मंत्रालय ने गूगल के सहयोग से -रेलवे लाइफलाइन- की भी शुरुआत की है।इससे स्वतंत्रता आंदोलन में रेलवे की भूमिका और विभाजन के समय ट्रेनों के महत्व के बारे में जानकारी मिलेगी। विभाजन के समय ट्रेनों के माध्यम से लोग किसी तरह से पाकिस्तान से भारत के विभिन्न शहरों में पहुंचे थे। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 1947 में 15 अगस्त से आठ सितंबर के बीच लगभग सात लाख लोगों ने ट्रेनों से यात्रा की थी।
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