Ratan Tata Pass Away: 'भारत ने सच्चा रत्न खोया, असंभव को संभव किया' पद्म विभूषण रतन टाटा के स्वर्गवास पर केजरीवाल का पोस्ट
Ratan Tata Pass Away देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के स्वर्गवास के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री गृह मंत्री से लेकर रक्षा मंत्री विपक्ष के नेता राहुल गांधी आदि ने पोस्ट कर अपनी संवेदना व्यक्त की। इसी कड़ी में आज दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के दिग्गज उद्योगपति पद्म विभूषण रतन टाटा का 86 साल की उम्र में स्वर्गवास हो गया। टाटा समूह ने खुद इसकी जानकारी दी है। रतन टाटा ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
उनके स्वर्गवास से उद्योग जगत से लेकर देशभर में शोक की लहर है। इसी कड़ी में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रतन टाटा के जाने पर दुख जताया है।आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- "भारत ने अपना सच्चा "रत्न" खो दिया है जिसने असंभव को संभव में बदल दिया। रतन टाटा की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बनी रहेगी।"
इससे पहले बुधवार को दिल्ली के सीएम आतिशी ने दुख जताते हुए कहा कि "रतन टाटा जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ है। उन्होंने नैतिक नेतृत्व का उदाहरण पेश किया। हमेशा देश और उसके लोगों के कल्याण को सबसे ऊपर रखा। उनकी दयालुता, विनम्रता और बदलाव लाने के जुनून को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।"
India has lost its true “Ratan” who turned the impossible into the possible.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 10, 2024
Ratan Tata’s legacy will remain a beacon of inspiration for generations to come. pic.twitter.com/L8SehN4UtM
1937 को सूरत में हुआ था जन्म
देश की जानी-मानी हस्ती रतन टाटा को भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) सम्मान मिल चुका है। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ था।
उनके माता-पिता का नाम नवल टाटा और सूनी कमिसारीट था। जब रतन टाटा 10 साल के थे, उसी दौरान वह अपने माता-पिता से अलग हो गए थे।उसके बाद उन्हें जेएन पेटिट पारसी अनाथालय के माध्यम से उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने औपचारिक रूप से गोद ले लिया था। रतन टाटा (Ratan Tata News) का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे) के साथ हुआ।
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