ब्रिटेन के अखबार को भारत सरकार ने दिखाया आईना, देश की मेट्रो और यात्रियों को लेकर की थी ये टिप्पणी
देश में मेट्रो यात्रियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। मेट्रो में दैनिक यात्रियों की संख्या 10 मिलियन यानी एक करोड़ पार कर चुकी है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा यह आंकड़ा एक या दो साल में 12.5 मिलियन यानी सवा करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है। सरकार का यह आंकड़ा भारत में मेट्रो को लेकर ब्रिटिश अखबार के दावे के बाद आया।
एनआई, नई दिल्ली। देश में मेट्रो यात्रियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। मेट्रो में दैनिक यात्रियों की संख्या 10 मिलियन यानी एक करोड़ पार कर चुकी है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि यह आंकड़ा एक या दो साल में 12.5 मिलियन यानी सवा करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार का यह आंकड़ा भारत में मेट्रो को लेकर ब्रिटिश अखबार के दावे के बाद आया है। ब्रिटिश अखबार द इकोनॉमिस्ट ने 23 दिसंबर, 2023 को 'क्रिसमस डबल' शीर्षक वाले अंक में भारत की मेट्रो रेल प्रणालियों के बारे में एक लेख में इस तथ्य की गलत व्याख्या की है कि भारत की विशाल मेट्रो व्यवस्था पर्याप्त संख्या में यात्रियों को आकर्षित करने में विफल हो रही है।
भारत के मंत्रालय ने क्या कहा?
इस लेख में तथ्यात्मक गलतियों के साथ-साथ वैसे आवश्यक संदर्भ भी नहीं हैं, जिसके आधार पर भारत के बढ़ते मेट्रो रेल नेटवर्क का अध्ययन किया जाना चाहिए। मंत्रालय का दावा है कि भारत में मेट्रो यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है और जैसे-जैसे हमारी मेट्रो प्रणाली विकसित होगी, यह संख्या बढ़ती जाएगी।यह भी देखना चाहिए कि देश की लगभग सभी मेट्रो लाभ में चल रही हैं। मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां दैनिक यात्रियों की संख्या पहले ही 70 लाख से ऊपर पहुंच गई है। यह आंकड़ा 2023 के अंत तक के लिए अनुमानित संख्या से कहीं अधिक है।
डीएमआरसी पीक आवर और भीड़भाड़ वाली दिशा में 50 हजार से अधिक लोगों को सेवा प्रदान करता है। इस मांग को पूरा करने के लिए ऐसे गलियारों में एक घंटे के भीतर 715 बसों को एक ही दिशा में यात्रा करने की आवश्यकता होगी, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक बस के बीच लगभग पांच सेकंड का अंतर।
यह असंभव परिदृश्य है। मंत्रालय ने कहा है कि सरकार लोगों को आरामदायक, भरोसेमंद और ऊर्जा में मामले में किफायती आवागमन की ऐसी सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विकसित भारत के लिए सरकार ने उच्च शिक्षा में दो गुना किया नामांकन का लक्ष्यकेंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र ने शनिवार को कहा कि भारत ने अधिक लोगों को अध्ययन और कुशल कार्यबल में शामिल करके एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के अपने प्रयास में उच्च शिक्षा में नामांकन अनुपात को वर्तमान के 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 2030 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
प्रधान ने कहा कि भारत का 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य कोई काल्पनिक विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश लोगों के जीवन स्तर और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, परिवहन को टिकाऊ और किफायती बनाने और आर्थिक अवसरों में अंतर को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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