आज से दिल्ली में सड़कों दौड़ेंगी हाइड्रोजन से चलने वालीं 50 बसें, जानिये- इसकी विशेषता
हाइड्रोजन सीएनजी बसों के प्रयोग के पहले चरण में क्लस्टर की 50 बसों को 6 महीने तक दिल्ली की सड़कों पर चलाया जाएगा। हाईड्रोजन सीएनजी बसों के आने से दिल्ली की हवा और स्वस्छ बनाने में मदद मिलेगी।
By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 20 Oct 2020 10:33 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मंगलवार से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई और दिल्ली की हवा को अधिक स्वच्छ बनाने के लिए मंगलवार से हाइड्रोजन सीएनजी (हाइड्रोजन कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) से चलने वाली 50 क्लस्टर बसें सड़कों पर दौड़ना शुरू कर देगी। इसे दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में एक क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि इन बसों के संचालन से वायु प्रदूषण नहीं होगा। फिलहाल दिल्ली परिवहन निगम (Delhi Transport Service) और क्लस्टर बसें सीएनजी से ही चल रही हैं। ऐसे में हाईड्रोजन सीएनजी बसों के आने से दिल्ली की हवा और स्वस्छ बनाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत दिल्ली में बसों में हाइड्रोजन सीएनजी (हाइड्रोजन कम्प्रैस्ड नेचुरल गैस) का इस्तेमाल पहली बार हो रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, हाइड्रोजन सीएनजी के प्रयोग के पहले चरण में क्लस्टर की 50 बसों को 6 महीने तक दिल्ली की सड़कों पर चलाया जाएगा। ट्रायल के तौर पर बसों में 6 महीने तक प्रयोग की जाने वाली हाइड्रोजन-सीएनजी की रिपोर्ट की सुप्रीम कोर्ट समीक्षा करेगा।
यही वजह है कि बसों की शुरुआत से पहले ही दिल्ली में पहला हाइड्रोजन सीएनजी स्टेशन बनकर तैयार हो गया है। यह स्टेशन राजघाट स्थित क्लस्टर डिपो में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा बनाया गया है। इसका उद्घाटन मंगलवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत करेंगे।
जानिये- खूबियां
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- सीएनजी का मुख्य जरिया मीथेन गैस है, जबकि हाइड्रोजन-सीएनजी का मुख्य स्त्रोत कई गैसों का मिश्रण है।
- इस मिश्रण में 4-9 फीसद हाइड्रोजन गैस होती है। इसे ईंधन के रूप में प्रयोग करने के लिए कम्प्रेस्ड किया जाता है।
- मिश्रित ईधन में 18 फीसद हाइड्रोजन और 82 फीसद सीएनजी होगी।
- क्लस्टर बसों में हाइड्रोजन सीएनजी का परीक्षण सफल रहने के बाद अन्य बसों में भी हाइड्रोजन सीएनजी ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है।