दिल्ली में वर्टिकल गार्डन की जगह लेगी स्वदेशी बेल, नगर निगम कर रहा तैयारी
दिल्ली नगर निगम फ्लाइओवर के नीचे स्वदेशी तरीके से बेल से हरियाली बढ़ाने पर फोकस करेगा। इसी कड़ी में मुनिरका फ्लाईओवर के नीचे नए पौधे लगाने के लिए पाट लगाए जा रहे हैं। असमाजिक तत्वों द्वारा बार-बार गमले और सिंचाई के संयंत्र चोरी करने का बाद निगम ने यह फैसला लिया है। वर्ष 2018 में फ्लाईओवर का सुंदरीकरण किया गया था।
निहाल सिंह,नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के फ्लाईओवर के नीचे खाली भूमि का सुंदरीकरण बढ़ाने के लिए जो वर्टिकल गार्डन मॉडल को 2018 में एमसीडी ने लॉन्च किया था, अब उसे निगम बदलने की तैयारी में है। निगम अब इन फ्लाईओवर के नीचे स्वदेशी तरीके से बेल से ही हरियाली बढ़ाने पर जोर देगा।
निगम ने यह निर्णय बार-बार वर्टिकल गार्डन के लिए लगाए गए गमले और सिंचाई के उपकरण चोरी होने के बाद लिया है, क्योंकि इससे न केवल निगम को आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि बार-बार इसे मरम्मत कराने के लिए भी मानव श्रम का भी उपयोग करना पड़ता है। राजधानी दिल्ली में सबसे पहले वर्टिकल गार्डन तकनीक का उपयोग एनडीएमसी इलाके में हुआ था।
अभी 25 फ्लाईओवर के नीचे लगे हैं वर्टिकल गार्डन
इसके बाद पूर्वकालिक दक्षिणी निगम ने अपने फ्लाईओवर का सुंदरीकरण करने के लिए इन वर्टिकल गार्डन का उपयोग किया। इसके बाद पूर्वी और उत्तरी निगम ने भी अपने कुछ फ्लाईओवर में भी यह वर्टिकल गार्डन लगाए थे।
एमसीडी के 25 फ्लाईओवर के नीचे अभी वर्टिकल गार्डन लगे हुए हैं, लेकिन आए दिन कभी गमले चोरी हो जाते हैं और कभी ड्रिप इरिगेशन के लिए लगी मोटर या पाइप ही असामाजिक तत्व चोरी कर लेते हैं। इस वजह से निगम अब इन वर्टिकल गार्डन के स्थान पर पारंपरिक बेल वाले पौधे लगाएगा। इसमें मधुमालती बेल लगाई जाएगी।
दिल्ली मेट्रो ने अपने सिंकदरा रोड पर मेट्रो के साथ यह बेल लगा रखी है। अधिकारी ने बताया कि कुछ स्थानों पर हमने फ्लाईओवर के रखरखाव के लिए विज्ञापन के एवज में फ्लाईओवर के नीचे सुंदरीकरण कार्य दे रखा है, लेकिन जहां-जहां पर कोई एजेंसी नहीं है वहां हम बेल को ही लगाएंगे। साथ ही अन्य स्थानों पर भी बेल ही लगाई जाएगी।
120 से अधिक पिलरों का किया गया था सुंदरीकरण
2018 में बढ़े स्तर पर राजधानी में फ्लाईओवर का सुंदरीकरण किया गया था। 120 से अधिक फ्लाईओवर के पिलरों पर या तो वर्टिकल गार्डन लगाए गए थे या फिर उन पर रंग-बिरंगी चित्र कलाएं बनाई गई थीं।
इसमें प्रमुख तौर पर बेर सराय फ्लाईओवर, मुनिरिका, साउथ एक्सटेंशन, सराय काले खां फ्लाईओवर, एंड्रयूजगंज फ्लाईओवर, कालकाजी, नेहरू प्लेस व लाजपत नगर फ्लाईओवर शामिल थे।