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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: धमनियों के एंडोथेलियल की खराबी को ठीक करता है योग, कई शोधों में हो चुका है प्रमाणित

अध्ययन में शामिल लोगों को छह सप्ताह से लेकर 52 सप्ताह तक प्रतिदिन 40-120 मिनट तक योग कराया गया। बाद में जांच करने पर योग करने वाले लोगों के ब्रेकियल एफएमडी (फ्लाे मेडिएटेड डाइलेशन) में सुधार पाया गया। ब्रेकियल एफएमडी धमनियों में फैलाव को प्रदर्शित करता है। अर्थात जिन लोगों की धमनियां सिुकड़ने से संकरी हो गई थीं उनके योग करने से धमनियों में फैलाव हुआ।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 20 Jun 2024 07:34 PM (IST)
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धमनियों के एंडोथेलियल की खराबी को ठीक करता है योग।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। योग अवसाद, हाइपरटेंशन, मधुमेह जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचाव में कारगर है। यह बात विभिन्न शोधों में साबित हो चुकी है। इस बीच एम्स, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई), एसडीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हास्पिटल, धारवाड़ सहित देश के कई संस्थानों व लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रापिकल मेडिसिन द्वारा मिलकर किए गए एक शोध में सामने आई है कि योग धमनियों एंडोथेलियल की खराबी को ठीक करने में असरदार है। इससे आगे चलकर हृदय व किडनी की गंभीर बीमारी होने बचा जा सकता है।

यह शोध हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल (जर्नल आफ इंटिग्रेटिव एंड कंप्लीमेंट्री मेडिसिन) में प्रकाशित हुआ है। एंडोथेलियल की खराबी को योग से इलाज को लेकर भारत, अमेरिका सहित विभिन्न देशों में 1043 लोगों पर हुए 18 शोध का विश्लेषण कर डाक्टरों ने यह निष्कर्ष निकाला है।

खून को शरीर के सभी हिस्सों में पहुंचाता है

एंडोथेलियल धमनियों व नसों में मौजूद एक आंतरिक परत है जो खून को शरीर के सभी हिस्सों में सामान्य रूप से पहुंचाने में मदद करता है। एंडोथेलियल की कार्य क्षमता में खराबी आने से रक्तवाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, इस वजह से शरीर में रक्त संचार प्रभावित होता है। अध्ययन में शामिल लोगों की धमनियों में एंडोथेलियल की खराबी के कारण हृदय की बीमारी थी। जिसमें कुछ लोग हार्ट अटैक के भी मरीज थे।

अध्ययन में शामिल लोगों को छह सप्ताह से लेकर 52 सप्ताह तक प्रतिदिन 40-120 मिनट तक योग कराया गया। बाद में जांच करने पर योग करने वाले लोगों के ब्रेकियल एफएमडी (फ्लाे मेडिएटेड डाइलेशन) में सुधार पाया गया। ब्रेकियल एफएमडी धमनियों में फैलाव को प्रदर्शित करता है। अर्थात जिन लोगों की धमनियां सिुकड़ने से संकरी हो गई थीं उनके योग करने से धमनियों में फैलाव हुआ।

12 सप्ताह से अधिक योग करने वालों को हुआ फायदा

12 सप्ताह से अधिक समय तक योग करने वाले लोगों की धमनियों एंडोथेलियल की कार्य क्षमता में अधिक सुधार हुआ। 13 अध्ययनों में लोगों को 12 सप्ताह से अधिक योग कराया गया था जिसमें 77 प्रतिशत के एंडोथेलियल के कार्य क्षमता बेहतर हुई। शोध में कहा गया है कि आक्सीटेडिटव तनाव व नसों में सूजन की एंडोथेलियल में खराबी की अहम भूमिका होती है। योग आक्सीडेटिव तनाव व नसों में सूजन को कम करता है।

शोध में शामिल एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. अंबुज रॉय ने कहा कि धमनियों के एंडोथेलियल में खराबी हृदय की शुरुआती बीमारी की निशानी होती है। सभी अध्ययनों को मिलाकर शोध करने पर पाया गया कि जो लोग जो शोध करते हैं उनका एंडोथेलियन बेहतर काम करता है। इसे हृदय की बीमारी को रोक सकते हैं। धूमपान करने, कालेस्ट्रोल, डायबिटीज व हाइपरेटेंशन होने पर धमनियों में ब्लाकेज होने से पहले एंडोथेलियल डिसफंक्शन हो जाता है। इससे नसों में बीमारी शुरू होती है। एंडोथेलियल में खराबी के बाद धमनियों में ब्लाकेज होता है फिर हार्ट अटैक होता है। योग के जरिये इसका बचाव हो सकता है।

हृदय की खराबी से पीड़ित 5000 मरीजों पर चल रहा है अभी शोध

उन्होंने कहा कि पहले हार्ट अटैक के मरीजों पर रिहैबिलिटेशन के रूप में योग के इस्तेमाल के लिए एक अध्ययन किया गया था जिसमें पाया गया कि हार्ट अटैक से उबरने के बाद जिन लोगों को योग कराया गया वे जल्दी काम पर लौट पाए। अभी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के नेतृत्व में हृदय की खराबी से पीड़ित (हार्ट फेल्योर) के मरीजों पर अध्ययन किया जा रहा है। इसमें एम्स सहित देश के कई अस्पताल शामिल हैं। आठ महीने से चल रहा यह शोध अगले करीब डेढ़ वर्ष में पूरा होगा। हृदय में खराबी से पीड़ित पांच हजार मरीजों को योग कराकर अध्ययन किया जा रहा है। उम्मीद है कि दवा के साथ योग के इस्तेमाल से हृदय की कार्य क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

अध्ययन में शामिल लोगों को कराए गए योग

सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, शवासन, अर्धचक्रासन, भुजंगासन, अर्ध पूर्वोत्तानासन, सेतुबंध सर्वांगासन, बद्धकोणासन, कांति-चक्रासन, ताड़ासन, ऊर्ध्व-हस्तोत्तानासन, त्रिकोणासन, गोमुखासन, जानुशीर्षासन, वक्रासन, अर्ध-पद्मासन, वज्रासन, एकपादोत्तानासन, नौकासन, अर्ध-पवनमुक्तासन, मर्कटासन (मेरुदंडासन) सहित कई योग, नेती क्रिया व हठ योग कराया गया।

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