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Chandrayaan-3 और Aditya-L1 की सफलता के लिए आज दिल्ली में सम्मानित होंगे इसरो के वैज्ञानिक

भारत के वैज्ञानिकों के देश के प्रति योगदान को देखते हुए इस वर्ष निर्णायक मंडल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो बेंगलुरू कर्नाटक को संत ईश्वर विशेष सेवा सम्मान के लिए चुना गया है। इस समारोह का उद्देश्य उन व्यक्तियों सेवा साधकों एवं संस्थाओं को सम्मानित करना है जो अपने जीवन में प्रचार-प्रसार से दूर रहकर केवल समाज की सेवा में समर्पित होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं।

By Nimish HemantEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 02 Oct 2023 09:43 AM (IST)
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Chandrayaan-3 और Aditya-L1 की सफलता के लिए आज दिल्ली में सम्मानित होंगे इसरो के वैज्ञानिक
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश के प्रमुख सामाजिक सेवा संगठन संत ईश्वर फाउंडेशन, राष्ट्रीय सेवा भारती व अशोक सिंघल फाउंडेशन की ओर से आज (दो अक्टूबर) को आयोजित होने जा रहे प्रतिष्ठित संत ईश्वर सम्मान समारोह में इस वर्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन "इसरो' को विशेष सम्मान दिया जाएगा।

राजधानी दिल्ली के नवनिर्मित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम पूसा संस्थान में आयोजित होने का रहे इस सम्मान समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (भारत सरकार) विशेष तौर पर उपस्थिति रहेंगे।

इस समारोह का उद्देश्य उन व्यक्तियों ,सेवा साधकों एवं संस्थाओं को सम्मानित करना है जो अपने जीवन में प्रचार-प्रसार से दूर रहकर केवल समाज की सेवा में समर्पित होकर राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

संत ईश्वर फाउंडेशन ' की स्थापना 2002 में की गई थी , जिसके तहत आठ वर्ष पहले संत ईश्वर सम्मान की शुरुआत की गई थी। पिछले 8 वर्षों के दौरान में भारत के 30 राज्यों के 118 सेवा साधकों को दो करोड़ 25 लाख की राशि द्वारा सम्मानित किया है जिनमें से बाद में छह सेवा साधकों को भारत सरकार की ओर से पद्म सम्मान से भी सम्मानित किया गया ।

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संत ईश्वर सम्मान मुख्यतः चार क्षेत्रों- जनजातीय , ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास के साथ कला, साहित्य, पर्यावरण,स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने पर व्यक्तिगत या संस्थागत रूप से प्रदान किया जाता है। इन चार क्षेत्रों में सम्मानित व्यक्ति या संस्थाओं को एक विशेष सेवा सम्मान, चार विशिष्ट सेवा सम्मान एवं 12 सेवा सम्मान दिया जाता है।

विशेष सेवा सम्मान में शॉल- पांच लाख राशि ,चार विशिष्ट सेवा सम्मान में शॉल-एक लाख राशि और सेवा सम्मान में सभी विजेताओं को शॉल- राशि समेत ट्रॉफी, प्रमाण पत्र व प्रतीक मुद्रा सहित प्रत्येक वर्ष कुल 32 लाख रुपये की धनराशि से व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है।

चंद्रयान-3 व आदित्य एल1 की सफलता ने भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा के चलते भारतीयों का सम्मान पूरे विश्व में बढ़ा दिया है। भारत के वैज्ञानिकों के देश के प्रति योगदान को देखते हुए इस वर्ष निर्णायक मंडल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन "इसरो' बेंगलुरू, कर्नाटक को संत ईश्वर विशेष सेवा सम्मान के लिए चुना गया है।

इसके अलावा जनजातीय क्षेत्र में रूलर एजुकेशन एंड डेवलपमेंट सोसाइटी, जशपुर ,छत्तीसगढ़ को (विशिष्ट सेवा सम्मान ), आदिवासी जनजातीय बच्चों के बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्तर को सुधारने में कृत संकल्प देशज प्रतिष्ठा को संत ईश्वर सेवा सम्मान, धनुर्विद्या में पारंगत, गुरु शिष्य परंपरा के संवाहक के. गोविंदन वायनाड ,केरल व बिनिता जिगडुंग ,दिमापुर, नागालैंड को संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

सुनील अर्जुन राव शिंदे जलना, महाराष्ट्र ने 2000 से अधिक किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कृषि उपकरणों का आविष्कार व निर्माण किया है जो पर्यावरण के अनुकूल हैं। उन्हें इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्र के ही रामचरण लोधा गुराड़ी, राजस्थान, पातालचंडी कल्याण समिति, पश्चिम बंगाल व गोपाल डोंडिया उज्जैन, मध्य प्रदेश को जल संरक्षण व वृक्षारोपण कार्य के लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान दिया जाएगा।

महिला एवं बाल विकास क्षेत्र से भानुप्रिया भट्ट जोधपुर, राजस्थान जो विगत कई वर्षों से केवल एक रुपए प्रति माह की दर से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रही है ,संत ईश्वर विशिष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित होंगी।

वहीं अर्चना शर्मा मध्य प्रदेश, भोपाल को पराधी खानाबदोश जनजाति के बच्चों के भविष्य को संवारने के कार्य के लिए व आचार्या डॉक्टर सुमेधा, अमरोहा, उत्तर प्रदेश विगत तीन दशकों से भी अधिक समय से निर्धन परिवारों की बालिकाओं की शिक्षा के लिए कार्यरत हैं को भी संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

तेजस्विनी सेवा प्रतिष्ठान, बिलासपुर ,छत्तीसगढ़ की कुष्ठ रोग से पीड़ित बालिकाओं के स्वास्थ्य के लिए प्रयासरत संस्थान को संत ईश्वर सेवा सम्मान के लिए चुना गया है।

विशेष योगदान क्षेत्र में सुमित कुमार तुरहपाड़ी, बिहार से ऐसे बच्चों के लिए कार्यरत हैं जो शमशान घाट पर आने वाले पार्थिव देहों से कपड़े, पैसे, फल इत्यादि लूटने का काम करते हैं। उनकी शिक्षा ,दीक्षा और भविष्य की चिंता करने वाले सुमित कुमार को विशेष योगदान लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान मिलेगा।

"द अर्थ सेवियर्स फाऊंडेशन' गुरुग्राम, हरियाणा के रवि कालरा अब तक 1000 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों व मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों की देखभाल का कार्य कर रहे हैं, को वर्ष 2023 के संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।

देशभर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने, साइकिल यात्रा द्वारा कुल 18000 किलोमीटर, 28 राज्यों को कवर करने वाले व 2,02,743 पेड़ लगाने वाले सुंदरम तिवारी ,प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश, कृषि की प्राचीन व पारंपरिक विधियों पर शोध कार्य करने वाले पवन कुमार कोटा ,राजस्थान और एक ही वर्ष में 95 पदक जीतने वाली 95 वर्षीय एथलीट दादी भगवानी देवी डागर नजफगढ़, दिल्ली को संत ईश्वर सेवा सम्मान के लिए चुना गया है।

समाज कल्याण में लगे 18 व्यक्तियों व संस्थाओ को किया जाएगा सम्मानित

इस वर्ष देश भर से समाज कल्याण में लगे कुल 18 व्यक्तियों एवं संस्थाओ को सम्मानित किया जाएगा। पिछले वर्ष 2022 में संत ईश्वर फाउंडेशन ने "सेवा परमो धर्म 'अपने सौ सेवा साधकों को समर्पित पुस्तक का विमोचन भी किया था।

संत ईश्वर सम्मान निर्णायक मंडल में एस. गुरुमूर्ति,सी.ए स्वदेशी जागरण मंच, निदेशक (भारतीय रिजर्व बैंक), प्रमोद कोहली- सेवानिवृत्ति मुख्य न्यायाधीश (सिक्किम उच्च न्यायालय), सेवानिवृत्ति अध्यक्ष केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट), पद्मश्री जवाहरलाल कौल- वरिष्ठ पत्रकार ,अध्यक्ष (जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र), पद्मश्री राम बहादुर राय- अध्यक्ष इंदिरा गांधी कला केंद्र ,वरिष्ठ पत्रकार, पन्नालाल भंसाली- अध्यक्ष राष्ट्रीय सेवा भारती, गुणवंत कोठारी -अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं कपिल खन्ना- ट्रस्टी संत ईश्वर फाउंडेशन, अध्यक्ष संत ईश्वर सम्मान समिति हैं।

"संत ईश्वर फाउंडेशन' की स्थापना प्रसिद्ध समाज सेवी खैराती लाल खन्ना ने की थी व वर्तमान में उनके पुत्र कपिल खन्ना जी इस संस्था के अध्यक्ष हैं। "संत ईश्वर सम्मान समारोह' की स्थापना 2015 में कपिल खन्ना ने अपने पिताजी के सम्मान में की थी। यह संस्था अनवरत सेवा साधकों को सम्मानित करने का कार्य कर रहा है।

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