MCD Election 2022 के बीच गरमाया मौलवियों के वेतन का मुद्दा, BJP ने कहा- पुजारी क्यों हुए इस योजना से नदारद
MCD Election 2022 के बीच मौलवियों को वेतन देने के मुद्दे से राजनीति गरमा गई है। भाजपा की रणनीति चुनाव में इस मुद्दे को उछालकर हिंदू मतदाताओं को एक करने की है। प्रवेश वर्मा ने इस मामले मे केजरीवाल को पत्र लिखकर पुजारियों को वेतन देने की मांग की है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार द्वारा मौलवियों को वेतन देने के मुद्दे से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। भाजपा की रणनीति निगम चुनाव में इस मुद्दे को उछालकर हिंदू मतदाताओं को एक करने की है। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने इस मामले मे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर मंदिरों के पुजारियों और ग्रंथियों को सरकार द्वारा वेतन देने की मांग उठा दी है। बता दें कि दिल्ली में जनवरी 2019 से दिल्ली सरकार द्वारा मौलवियों का वेतन बढ़ाया गया है।
मौलवियों को मिल रहे 18000 हजार प्रति माह
बता दें कि कानूनी भाषा में मौलवियों को वेतन नहीं मिल सकता है। इसलिए इस राशि को नजराना के तौर पर दिया जा रहा है। सरकार की ओर से दिल्ली में कुल 200 इमाम और 75 मौज्जिन को नजराना देने का प्राविधान है। जनवरी 2019 से इन्हें यह राशि मिल रही है। जिसमें मौलवियों को 18000 व मौज्जिन को 16000 रुपये प्रति माह देने का प्रविधान है। हालांकि दिल्ली सरकार से अनुदान नहीं मिलने के कारण पिछले अप्रैल से इन्हें यह राशि नहीं मिल रही है। मगर भाजपा इसे लेकर आम आदमी पार्टी पर आक्रामक है।
आप कर रही हिंदुओं के साथ भेदभाव- BJP
भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा आरोप लगा रहे हैं कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार हिंदुओं के साथ भेदभाव कर रही है। उनकी मांग नगर निगम के चुनाव प्रचार के बीच तेज हो गई है कि मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारा के ग्रन्थियों को भी मौलवियों की तरह वेतन मिलना चाहिए। उधर आम आदमी पार्टी का कहना है कि वे हिंदू और मुस्लिम और सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखते हैं।
आप ने किया पलटवार
आप के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भाजपा नेताओं को अपनी पार्टी की सरकार वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पूछना चाहिए कि वे मौलवियों को क्यों नजराना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दूसरे राज्यों द्वारा मौलवियों को दिए जाने वाले नजराने का विरोध नहीं कर रहे हैं।
आप की तरफ से कहा गया कि भाजपा लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने की घटिया राजनीति करती है, हम काम की राजनीति करते हैं। हम भाजपा ये पूछ रहे हैं कि तुमने 15 साल नगर निगम में क्या काम किया है तो हमारे नेता को गाली देने लगते हैं। दरअसल भाजपा के पास बताने के लिए कुछ नहीं है।भाजपा दिल्ली नगर निगम चुनाव बुरी तरह हार रही है, यह उसे दिखने लगा है।इसलिए इन्हें बेचैनी हो रही है और उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं।
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