क्लीनिक में थर्मामीटर से बुखार की जांच बढ़ा सकती है परेशानी, बरतें सावधानी
यमुनापार में गली मोहल्लों में खुले हुए छोटे निजी क्लीनिक के डॉक्टर मरीजों का बुखार मुंह में थर्मामीटर लगाकर जांच रहे हैं।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 26 Jun 2020 09:26 PM (IST)
नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है... जब कोई मरीज डॉक्टर के पास जाता है तो उसके मन में एक उम्मीद होती है कि वह डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाई खाकर ठीक हो जाएगा। राजधानी दिल्ली को कोरोना ने अपने आगोश में लिया हुआ है। अस्पतालों व कोविड केयर सेंटर में मरीजों की भरमार है। इस कोरोना काल में डॉक्टरों के कंधों पर ही सारा दारोमदार है। वहीं कुछ डॉक्टर न तो अपनी जिम्मेदारियों को समझ रहे हैं और न ही कोरोना की भयावकता को।
यमुनापार में गली मोहल्लों में खुले हुए छोटे निजी क्लीनिक के डॉक्टर मरीजों का बुखार मुंह में थर्मामीटर लगाकर जांच रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में कोराेना के मरीजों का पारा बढ़ सकता है। वह ऐसा उस वक्त में कर रहे हैं, जब शारीरिक दूरी का पालन करने के सख्त निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिए हुए हैं।जाफराबाद, चौहान बांगर, वेलकम, मुस्तफाबाद, मंडावली, खजूरी, करावल नगर, उस्मानपुर, मौजपुर, कांति नगर, ईस्ट और वेस्ट विनोद नगर सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर हर दूसरी गली में डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक खोले हुए हैं। डॉक्टरों की फीस के साथ ही दवाई 30 से 150 रुपये है। अधिकतर सरकारी अस्पतालों में काेरोना का इलाज हो रहा है, ऐसे में लोग अस्पताल न जाकर पास के निजी क्लीनिक में डॉक्टर को दिखा रहे हैं। इन डॉक्टरों के पास मरीजों की भरमार है।
अधिकतर मामलों में डॉक्टर सबसे पहले मरीज का बुखार जांचता है, इन छोटे क्लीनिक के डॉक्टर थर्मामीटर से ही मरीजों के बुखार को जांचने में लगे हुए हैं। पहले एक मरीज के मुंह में वह मीटर लगा रहे हैं, वही मीटर दूसरे के मुंह में लगा देते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे को कॉल करता है तो सबसे पहले यही सुनाई देता है मुंह, हाथ, आंख न छुएं। ऐसे डॉक्टरों पर कोई नकेल कसने वाला भी नहीं है। इस मामले में डीएमए के अध्यक्ष डॉ. बीबी वाधवा से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
थर्मोस्कैन खरीदने से कर रहे हैं तोबा
लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे चीजे अनलॉक हो रही हैं। सरकार ने निजी व सरकारी कार्यालय, होटल, सहित अन्य जगहों पर प्रवेश से पहले लोगों की स्क्रीनिंग को अनिवार्य किया हुआ है। एक शख्स हाथ में थर्मोस्कैन से लेकर दूर से ही प्रवेश करने वाले व्यक्ति के शरीर के तापमान की जांच करता है। लेकिन निजी क्लीनिक के डॉक्टर थर्मोस्कैन खरीदने से तोबा कर रहे हैं। मार्केट में इसकी कीमत से पांच हजार से शुरू है। वह अपने पुराने ढर्रे को अपनाते हुए थर्मामीटर से ही बुखार जांचते हुए मरीज से कह रहे हैं की डरो नहीं कुछ नहीं होगा।
स्वामी दयानंद अस्पताल के सीएमओ डॉ ग्लैडबिन त्यागी ने बताया कि कोराना काल में मास्क और शारीरिक दूरी को अनिवार्य किया हुआ है। यदि कोई डॉक्टर थर्मामीटर मुंह में डालकर बुखार जांच रहा है तो वह बहुत ही ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि अगर एक बार किसी के मरीज के मुंह में थर्मामीटर जाता है तो उसपर राल और थूक लग जाता है, उसे कितना ही साफ कर लें। अगर वह कोरोना संक्रित हुआ तो थर्मामीटर पर संक्रमण रहेगा और वही थर्मामीटर किसी दूसरे के मुंह में लगाया गया तो वह भी संक्रमित हो जाएगा। इसपर सख्त प्रतिबंध लगना चाहिए। डॉक्टरों को थर्मोस्कैन गन का इस्तेमाल करना चाहिए।
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