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Nafe Singh Murder: नफे सिंह की हत्या के मकसद का पता लग पाना होगा मुश्किल, हरियाणा के शराब कारोबारी पर पुलिस को शक

कहा जाता है कि शराब कारोबारी ने शराब के अवैध धंधे से अकूत कमाई की और अब पिछले कई वर्षों से अवैध धंधा छोड़ उसने हरियाणा में कई ठेके ले लिए। हरियाणा में वह शराब का बड़ा कारोबारी बन गया। स्पेशल सेल का कहना है कि वारदात में शामिल फरार दो शूटर नकुल सांगवान व अतुल के पकड़े जाने पर मकसद का पता लग सकता है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 05 Mar 2024 04:47 PM (IST)
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Nafe Singh Murder: नफे सिंह की हत्या के मकसद का पता लग पाना होगा मुश्किल
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। बहादुरगढ़ में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या में शामिल दो शूटर आशीष उर्फ बाबा व सौरभ को हरियाणा व दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गोवा से दबोच कर केस की गुत्थी सुलझा तो ली, लेकिन इनसे पूछताछ में हत्या के मकसद का पता नहीं चल पाया है।

स्पेशल सेल का कहना है कि वारदात में शामिल फरार दो शूटर नकुल सांगवान व अतुल के पकड़े जाने पर मकसद का पता लग सकता है। क्योंकि नकुल, नंदू का रिश्तेदार है, हो सकता है नंदू ने उसे हत्या के मकसद के बारे में बताया हो, लेकिन इनके पकड़े जाने पर भी मकसद का पता लग पाना मुश्किल होगा।

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सूत्रों की मानें तो नफे सिंह राठी की हत्या के पीछे बहुत गहरी साजिश रची गई है। मामले में राजनीतिक एंगल आने के कारण पुलिस दो शूटरों के पकड़े जाने के बावजूद मकसद के बारे में कोई जानकारी देने से बच रही है।

पुलिस को शक है कि हरियाणा के एक बड़े शराब कारोबारी ने नंदू को नफे सिंह राठी की हत्या की सुपारी दी है। जिस पर विदेश में बैठे नंदू ने अपने शूटरों को निर्देश देकर हत्या करवा दी। शराब कारोबारी व नंदू की दोस्ती की बहुत पुरानी कहानी है।

वर्षों पूर्व जब हरियाणा के इस शराब कारोबारी का हरियाणा से दिल्ली में अवैध शराब की आपूर्ति का धंधा चलता था तब नंदू व उसका बड़ा भाई ज्योति प्रकाश उसके धंधे को संभालता था। तिहाड़ जेल में बंद ज्योति उस दौरान उक्त शराब कारोबारी का बाउंसर होता था। बाद में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल भी उसी शराब कारोबारी के लिए काम करने लगा था।

तीनों गैंगस्टरों को लंबे समय तक वित्तीय सहायता प्रदान करने के कारण ही अपराध की दुनिया में आगे बढ़ते हुए इन्होंने अपना अपना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया और ये बड़े गैंगस्टर बन गए। बाद में नंदू व मंजीत महाल में किसी बात को लेकर दुश्मनी होने पर दोनों में गैंगवार शुरू हो गई। दोनों गिरोह एक दूसरे के स्वजन व रिश्तेदारों की हत्या करने लगे।

शक की वजह हैं ये कारण 

कहा जाता है कि उक्त शराब कारोबारी ने शराब के अवैध धंधे से अकूत कमाई की और अब पिछले कई वर्षों से अवैध धंधा छोड़ उसने हरियाणा में कई ठेके ले लिए। हरियाणा में वह शराब का बड़ा कारोबारी बन गया। पुलिस का कहना है कि उक्त शराब कारोबारी अपने बेटे को आगामी विधानसभा लड़वाना चाहता है। नफे सिंह की हत्या कर देने से वह मजबूत दावेदार बन सकता है।

इन्हीं कारणों से नफे सिंह की हत्या कराने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच को भटकाने के लिए हत्या के कुछ दिन बाद मंजीत महाल से नफे सिंह की दोस्ती होने के कारण उनकी हत्या करने की जिम्मेदारी ली गई।

आशंका है कि शराब कारोबारी से नंदू की हत्या के लिए डील हुई हो जिससे उसने अपने शूटरों के जरिये हत्या करवा दी। शूटरों से पूछताछ में पुलिस को मकसद का पता ही नहीं लग पाएगा। इसकी जांच सीबीआइ को सौंप तो दी गई, लेकिन सीबीआइ के लिए भी हत्या के मकसद का पता लगा पाना बहुत मुश्किल हो सकता है।

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