100 से अधिक वारदात करने वाले जहरखुरानी गिरोह का भंडाफोड़, ई-रिक्शे में लोगों को बनाते थे अपना शिकार
दिल्ली में पुलिस ने 100 से अधिक वारदात कर चुके कुख्यात जहरखुरानी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। बदमाशों की पहचान गिरोह के सरगना उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी इरफान और इसके साथी कौशांबी निवासी बीरेंद्र मौर्या के रूप में हुई। पुलिस ने इनके पास से वारदात में इस्तेमाल दिव्यांग का ई-रिक्शा बेहोश करने की गोलियां लूट की रकम आइफोन-13 दो लैपटाप व अन्य सामान जब्त किया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गांधी नगर थाना पुलिस ने 100 से अधिक वारदात कर चुके कुख्यात जहरखुरानी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। बदमाशों की पहचान गिरोह के सरगना उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी इरफान और इसके साथी कौशांबी निवासी बीरेंद्र मौर्या के रूप में हुई। सरगना एनसीआर में लूट व चोरी की सौ से अधिक वारदात कर चुका है।
दिव्यांग ई-रिक्शा चालक भी था वारदातों में शामिल
पुलिस ने इनके पास से वारदात में इस्तेमाल दिव्यांग का ई-रिक्शा, बेहोश करने की गोलियां, लूट की रकम के एक लाख रुपये, आइफोन-13, दो लैपटाप व अन्य सामान जब्त किया है। कुछ माह पहले इन बदमाशों ने बुलंदशहर में भी एक फौजी के साथ लूट की थी। जिला पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने बताया कि 6 अक्टूबर को राज नाम के एक व्यक्ति ने गांधी नगर थाने में लूट की शिकायत दी थी।
एक व्यक्ति से की लूटपाट
पीड़ित ने बताया कि वह गांधी नगर मार्केट में खरीदारी करने के लिए गए थे। वह एक रिक्शे में बैठे। उसमें बैठी सवारी ने उन्हें जूस पीने के लिए दिया, जिसको पीने के बाद वह बेहोश हो गए। बदमाश उन्हें सुनसान जगह ले गए और उनका बैग लूट लिया, जिसमें तीन लाख रुपये, गहने, आइफोन समेत काफी सामान रखा हुआ था। होश में आने पर आरोपितों ने उन्हें धमकाकर उनके एटीएम कार्ड का पिन भी पूछ लिया। बाद में उनके बैंक खाते से 60 हजार रुपये निकाल लिए।
पीड़ित की शिकायत पर लूट की प्राथमिकी की गई। पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने के लिए तीन दिन तक गाजीपुर मंडी के पास जाल बिछाया। 11 अक्टूबर को मंडी के पास से बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
दिव्यांगता पर तरस खाकर उसके रिक्शे में बैठ जाते थे
आरोपित इरफान ने बताया कि बीरेंद्र दोनों पैरों से दिव्यांग है और ई-रिक्शा चलाता है। बीरेंद्र ने रिक्शे पर दिव्यांग लिखवाया हुआ है। लोग उसकी दिव्यांगता पर तरस खाकर उसके रिक्शे में बैठ जाते थे। दोनों आनंद विहार बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, गांधी नगर मार्केट समेत भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाते थे। यहां इरफान पैदल घूमकर शिकार की तलाश करता था। बाद में फोन कर बीरेंद्र को बुला लेता था।
नींद की गोलियों को पेय पदार्थ में मिलाकर लोगों को पिला देता था
बीरेंद्र के ई-रिक्शा लेकर आने पर वह पीछे सवारी बनकर बैठता था। वह नींद की गोलियों को पेय पदार्थ में मिलाकर लोगों को पिला देता था, उनके बेहोश होने के बाद दोनों मिलकर लूटपाट व चोरी करते थे। वारदात के बाद बीरेंद्र शिकार को ठिकाने लगाता था।