Tihar Jail Video Viral Issue: वीडियो वायरल होने के बाद पद से हटाए गए जेल अधीक्षक अवधेश्वर कांत
Tihar Jail Video Viral Issue विचाराधीन कैदी सिकंदर की हत्या के बाद में इसी जेल से कैदियों द्वारा वीडियो वायरल करने के मामले में तिहाड़ जेल प्रशासन ने जेल अधीक्षक अवधेश्वर कांत को हटा दिया है। अब जेल नंबर एक की जिम्मेदारी जेल अधीक्षक राजेश चौहान को दी गई है।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 03 Oct 2020 02:31 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जेल नंबर एक में 24 सितंबर को विचाराधीन कैदी सिकंदर की निर्मम हत्या के बाद से सुर्खियों में आए तिहाड़ में एक अहम बदलाव किया गया है। जेल नंबर एक व दो का कार्यभार संभाल रहे जेल अधीक्षक अवधेश्वर कांत से जेल नंबर एक का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। जेल प्रशासन के इस फैसले को सिकंदर की हत्या और कैदियों द्वारा वीडियाे वायरल करने के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। जेल नंबर एक से कैदियों द्वारा वीडियो वायरल कर अपनी सुरक्षा की चिंता के साथ ही अवधेश्वर कांत पर लगाए गए गंभीर आरोप की जांच की जिम्मेदारी जेल उपमहानिरीक्षक को सौंपी गई है। पांच अक्टूबर तक जांच रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया है। उधर, सूत्रों के मुताबिक जेल नंबर एक की जिम्मेदारी राजेश चौहान को सौंपी गई है।
अतिरिक्त महानिरीक्षक मुकेश प्रसाद ने बताया कि सिकंदर की हत्या व वीडियो वायरल होने के मामले में अभी जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मसले पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अवधेश्वर कांत के पास जेल नंबर एक का अतिरिक्त प्रभार था, जिसे वापस ले लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि जेल प्रशासन के इस फैसले को कैदियों द्वारा वीडियो वायरल होने के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। कैदियों द्वारा लगाए गए आरोप के बाद जेल प्रशासन का यह फैसला इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि कहीं न कहीं जेल अधिकारी से इस मसले में गलती हुई है। अब सबकी निगाह जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई है।
ज्ञात हो कि विचाराधीन कैदी सिकंदर की हत्या के बाद जेल नंबर एक के कैदियों ने तीन वीडियो बनाये थे। वीडियो में कैदियों ने आरोप लगाया था कि इस घटना के लिए जेल अधीक्षक जिम्मेदार हैं। कैदियों की ओर से जेल प्रशासन पर लगाए गए आरोपों में एक आरोप यह भी है कि घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को प्रशासन छुपा रहा है। आखिर वारदात को अंजाम देने वाले कैदियों को बैरक से बाहर क्यों निकलने दिया गया। कैदियों ने अंदेशा जताया कि भविष्य में उनकी भी हत्या हो सकती है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि सिकंदर जेल अधिकारियों से जेल में नशीले पदार्थ के कारोबार में लिप्त कैदी व कर्मचारियों की शिकायत लगातार कर रहा था। यह बात कुछ कैदी को पसंद नहीं आ रही थी। उसे रास्ते से हटाने के लिए ही उसकी हत्या की गई।
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