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Delhi: ईद पर मुस्लिम बन जैन समाज ने खरीदे 600 बकरे, 90 लाख रुपये देकर बचाई सभी की जान

बकरीद पर राष्ट्रीय राजधानी के जैन युवाओं ने अनूठी पहल की। विभिन्न अस्थाई मंडियों से 600 से अधिक बकरे खरीदे फिर उन्हें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जीव दया केंद्रों में भेजा जहां उनकी देखभाल हो रही है। ये खरीदारी जैन समाज के युवाओं की अलग-अलग संस्थाओं तथा विभिन्न अभियानों में की। कुछ बकरे अभी भी पुरानी दिल्ली स्थित धर्मपुरा की एक इमारत में रखे गए हैं।

By Nimish Hemant Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 18 Jun 2024 11:15 PM (IST)
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पुरानी दिल्ली के धर्मपुरा स्थित जैन मंदिर में बचाए गए बकरों की देखभाल करते जैन समाज के लोग।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बकरीद पर राष्ट्रीय राजधानी के जैन युवाओं ने अनूठी पहल की। विभिन्न अस्थाई मंडियों से 600 से अधिक बकरे खरीदे, फिर उन्हें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जीव दया केंद्रों में भेजा जहां उनकी देखभाल हो रही है। ये खरीदारी जैन समाज के युवाओं की अलग-अलग संस्थाओं तथा विभिन्न अभियानों में की।

कुछ बकरे अभी भी पुरानी दिल्ली स्थित धर्मपुरा की एक इमारत में रखे गए हैं। जिन्हें जल्द ही रखरखाव के लिए केंद्रों में भेज दिए जाएंगे। इस पूरे अभियान में 90 लाख रुपये से अधिक का खर्च आया है।

संस्थाएं चला रही हैं अभियान

कुछ संस्थाएं पिछले तीन वर्ष से अहिंसा परम धर्म: के संकल्प के साथ ये अभियान चला रही है। जिनकी प्रशंसा हो रही है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक संस्था के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनके प्रयासों को सराहा है।

मुस्लिम युवाओं का वेश धारण किया

विद्यासागर जीव दया परिवार ट्रस्ट द्वारा पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद से 16 जून को 100 बकरे खरीदे गए। ट्रस्ट के संचालक अभिषेक जैन ने बताया कि इसके लिए उनकी टीम सुबह ही मंडी पहुंच गई और अलग-अलग गुटों में खरीदारी की। इसके लिए उन्होंने मुस्लिम युवाओं का वेश धारण किया।

मुस्लिम युवाओं की भी मिली मदद

साथ ही कुछ मुस्लिम युवाओं की भी मदद मिली, जो जीव हत्या के विरूद्ध अभियान चला रहे हैं। अभिषेक बताते हैं कि बकरा बेचने वालों को यह पता चल जाए कि खरीदार गैर मुस्लिम है तो वे उसका दाम बढ़ा देते हैं और बेचने में भी आनाकानी करते हैं।

इसलिए ऐसा करना पड़ा। उन लोगों ने दोपहर में भीषण गर्मी में कड़ी मेहनत कर 100 बकरों को खरीदा जिसके लिए 10 लाख रुपये खर्च करने पड़े। जिसे उन्होंने कुछ अपने कुछ समाज से जुटाए थे।

फिर बाहर भेजे गए बकरे

फिर, बकरों को दो वाहनों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित संस्थानम अभयदानम में भेजा गया, जहां उनकी देखभाल हो रही है। जाफराबाद में खरीदारी के दल में अमित जैन व संजय जैन की भी बड़ी भूमिका रही।

इसी तरह, पुरानी दिल्ली के जैन समाज के लाेगों ने 11 लाख रुपये इकट्ठा कर 127 बकरों को कटने से बचाकर धर्मपुरा स्थित जैन मंदिर में रखा है। जहां उनकी बेहतर देखभाल की जा रही है। उन्हें चारा खिलाने के साथ गर्मी से बचाने के लिए कूलर की व्यवस्था की गई है।

पुरानी दिल्ली निवासी सत्यभूषण जैन ने बताया कि उनके साथ के लाेगों ने इस बकरीद करीब 500 बकरों की खरीदारी की है, जिन्हें कुछ को यहां तो अधिकतर को बागपत में जीव दया संस्थान में भेज दिया गया है। वह कहते हैं कि जैन धर्म में अहिंसा प्रमुख संदेश है। जीवों पर दया की जानी चाहिए, क्योंकि उनमें भी जान है।

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