Delhi: यमुना में अमोनिया की समस्या का स्थायी निदान तलाश रहा जल बोर्ड, पानी की किल्ल्त से लोग हो रहे परेशान
यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कारण बार-बार पेयजल आपूर्ति प्रभावित होने की घटना के मद्देनजर दिल्ली जल बोर्ड इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए विकल्प तलाशने में जुट गया है। इसके लिए बोर्ड के शोधन व गुणवत्ता नियंत्रण विभाग में मंथन चल रहा है।
By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Tue, 24 Jan 2023 10:20 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। यमुना में अमोनिया बढ़ने के कारण बार-बार पेयजल आपूर्ति प्रभावित होने की घटना के मद्देनजर दिल्ली जल बोर्ड इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए विकल्प तलाशने में जुट गया है। इसके मद्देनजर जल बोर्ड के शोधन व गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के निदेशक संजय शर्मा के नेतृत्व में इस पर मंथन चल रहा है कि यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने पर शोधन के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, जिससे यह समस्या खत्म हो सके।
सरकार को पेश की जाएगी रिपोर्ट
जल्द ही अधिकारी इसकी रिपोर्ट तैयार को दिल्ली सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। ताकि जल्द उसका इस्तेमाल शुरू हो सके। जिससे गर्मी के मौसम में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण पेयजल किल्लत की समस्या न होने पाए। जल बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि मौजूदा समय में जल शोधन संयंत्र पानी में अमोनिया का स्तर एक पीपीएम तक होने पर उसका शोधन करने में सक्षम हैं। संयंत्रों की यह क्षमता बढ़ने की योजना है लेकिन इसमें वक्त लगेगा। इसलिए ऐसे तकनीकों के इस्तेमाल पर विचार चल रहा है जो किफायती होने के साथ-साथ जल्दी इस्तेमाल शुरू किया जा सके।
मौसम के तापमान का भी रखना होता है ध्यान
जल बोर्ड के विशेषज्ञ विभिन्न जर्नल को भी खंगाल रहे हैं और यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि पानी में अमोनिया के शोधन के लिए किस तरह के रसायनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारी बताते हैं कि रसायनिक रिएक्शन के जरिये अमोनिया को न्यूट्रलाइज करने में मौसम के तापमान का भी ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए ऐसे विकल्प की तलाश की जा रही है जो एक डिग्री सेल्सियस से लेकर 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में भी इस्तेमाल हो सके। हालांकि, वह तकनीक क्या होगी अभी जल बोर्ड ने यह स्पष्ट नहीं किया है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।