आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद फिर सुर्खियों में जामिया नगर, CAA-NRC के धरने से लेकर बटला हाउस कांड तक का गवाह
साल दर साल यहां से स्पेशल सेल की टीम आतंकियों को दबोचती रही। सीएए व एनआरसी के विरोध में शाहीनबाग में सबसे बड़ा घरना स्थल बना था। दिल्ली दंगे की साजिश सबसे पहले यहीं पर रची गई। लश्कर के तीन आतंकियों के यहीं पर ठिकाना बनाने की बात सामने आने पर अब एक बार फिर यह इलाका सुर्खियों पर आ गया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल द्वारा गिरफ्तार किए गए लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद जामिया नगर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। गिरफ्तार किया गया एक आतंकी शाहनवाज वर्तमान में पुणे से भागने के बाद इसी इलाके में छिपा हुआ था।
इसके साथ गिरफ्तार किए गए दो अन्य आतंकी भी 2018 में इसी इलाके में किराए का घर लेकर रहते थे। 2008 में दिल्ली में हुए सीरियल ब्लास्ट के छह से अधिक आइएम के आतंकी बटला हाउस मेें ही छिपे थे। स्पेशल सेल की टीम जब उन्हें पकड़ने फ्लैट पर पहुंची थी तब सेल के साथ उनका मुठभेड़ हो गया था।
मुठभेड़ में कुछ आतंकी मारे गए गए थे जबकि कुछ भागने में सफल हो गए थे। मुठभेड़ में सेल के जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा भी बलिदान हो गए थे। उसी के बाद जामिया नगर सुर्खियों में आया था। उक्त घटना के बाद यह इलाका दिल्ली में हर संगठन के आतंकियों के लिए गढ़ बन गया।
यह भी पढ़ेंः Delhi News: अक्षरधाम मंदिर, सेलेक्ट सिटी वॉक में करना था बम ब्लास्ट, आतंकियों ने दोनों जगहों की कई दिन की रेकी
साल दर साल यहां से स्पेशल सेल की टीम आतंकियों को दबोचती रही। सीएए व एनआरसी के विरोध में शाहीनबाग में सबसे बड़ा घरना स्थल बना था। दिल्ली दंगे की साजिश सबसे पहले यहीं पर रची गई। लश्कर के तीन आतंकियों के यहीं पर ठिकाना बनाने की बात सामने आने पर अब एक बार फिर यह इलाका सुर्खियों पर आ गया है।