Jamia University: जेएमआइ के कर्मचारी ने आला अधिकारियों पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने के लगाए आरोप
कर्मचारी जेएमआई के प्राकृतिक विज्ञान संकाय में बतौर सहायक कार्यरत है। शिकायत में उसने कहा है कि 2007 में वे आरक्षित श्रेणी में अपर डिवीजन क्लर्क भर्ती हुए थे। उसने आला अधिकारियों पर जातिगत रूप से प्रताड़ित करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं। जेएमआइ के कुसचिव डॉ. नाजिम हुसैन जाफरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में ऐसा संभव नहीं है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के कर्मचारी ने आला अधिकारियों पर जातिगत रूप से प्रताड़ित करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं। कर्मचारी की ओर से जामिया नगर पुलिस थाने में शिकायत दी गई है और तीन आला अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है।
कर्मचारी जेएमआई के प्राकृतिक विज्ञान संकाय में बतौर सहायक कार्यरत हैं। शिकायत में उन्होंने कहा है कि 2007 में वे आरक्षित श्रेणी में अपर डिवीजन क्लर्क भर्ती हुए थे। यहां काम करने के बाद वे 2015 से 2021 तक इहबास के मानसिक आरोग्य अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर रहे थे। वापस जेएमआई आने के बाद उन्होंने उच्च पदों पर प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा, लेकिन मना कर दिया गया।
सहायक कुलसचिव और अनुभाग अधिकारी पद पर आरक्षण दिए जाने के लिए वे सुप्रीम कोर्ट गए थे। वहां से पद एक पद आरक्षित करने के आदेश दिए गए। इसके बाद से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में शिकायत की थी। प्रताड़ना कम नहीं हुई इसलिए थाने में शिकायत की है।
दक्षिण पूर्वी जिले के डीसीपी राजेश देव ने शिकायत संज्ञान में होने से इनकार किया है। जेएमआइ के कुसचिव डॉ. नाजिम हुसैन जाफरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में ऐसा संभव नहीं है। प्रतिनियुक्ति लेने के बाद उतना समय जेएमआइ में उन्हें बिताना होगा, लेकिन अभी उनका समय पूरा नहीं हुआ है, इसलिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। धर्म परिवर्तन के दबाव या जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल के आरोप बचकाने हैं।
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