JNU Update: छात्रों का जातिवार डाटा जारी करेगा जेएनयू प्रशासन; पढ़िए किन-किन मांगों पर बनी सहमति?
Delhi JNU News जेएनयू भूख हड़ताल कर रहे छात्रों की कुछ मांगों पर कॉलेज प्रशासन ने सहमति जताई है। वहीं जेएनयू प्रशासन छात्र संघ की जाति जनगणना की मांग के लिए सहमत हो गया है। जेएनयू प्रशासन इसका डाटा जारी करने के लिए भी तैयार हो गया है। पढ़िए आखिर जेएनयू के छात्र किन-किन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे और किन-किन पर सहमति बनी है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। JNU News विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल कर रहे जेएनयू छात्र संघ और प्रशासन के बीच चल रहा गतिरोध जल्द ही समाप्त हो सकता है। दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों को लेकर सहमति बनी है। जेएनयू प्रशासन छात्र संघ की जाति जनगणना की मांग को सहमत हुआ है। इसका डाटा जारी करने को तैयार हो गया है।
वहीं, एमसीएम बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र लिखा है। वायवा के वेटेज में कमी को लेकर भी विचार करने पर सहमति बनी है। फिलहाल, छात्र संघ ने अपना विरोध जारी रखा है, अध्यक्ष धनंजय और काउसंलर नीतीश कुमार भूख हड़ताल पर हैं, जो सोमवार को 16वें दिन में प्रवेश कर गई। छात्र नेता जेएनयू प्रशासन के आश्वासन को लिखित में देने की मांग कर रहे हैं।
11 अगस्त को शुरू हुई थी हड़ताल
बता दें कि भूख हड़ताल 11 अगस्त को शुरू हुई थी। उसके बाद से छात्र संघ अध्यक्ष धनंजय का वजन पांच किलोग्राम से अधिक कम हो गया है और कीटोन का स्तर चार से अधिक है। उन्हें पीलिया और यूरिन इंफेक्शन भी हो गया है।नीतीश का वजन लगभग सात किलोग्राम कम हो गया है और छात्र संघ ने एक बयान में कहा, वह बेहद कमजोर हो गया है, जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द से पीड़ित है। जेएनयूएसयू ने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए रिले भूख हड़ताल और रात्रि जागरण का आह्वान किया है।
किन-किन मुद्दों पर बनी सहमति
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अनुसार, विश्वविद्यालय सैद्धांतिक रूप से योग्यता-सह-साधन (एमसीएम) छात्रवृत्ति को 2,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने और स्कूल आफ इंजीनियरिंग और स्कूल आफ मैनेजमेंट के छात्रों के लिए प्रावधान बढ़ाने पर सहमत हो गया है। हालांकि, इस पर रेक्टर एक प्रो. ब्रजेश पांडेय ने कहा, यूजीसी को छात्रवृत्ति बढ़ाने के लिए बोला गया है। अगर वह अनुदान देते हैं, तो विश्वविद्यालय भी बढ़ी हुई राशि छात्रों को देना शुरू कर देगा।उन्होंने कहा कि छात्र जब प्रवेश लेते हैं तो उनका कैटेगरी के आधार पर ही प्रवेश दिया जाता है। इसका आंकड़ा विश्वविद्यालय के पास है। हम इसको सार्वजनिक रूप से वेबसाइट पर डाल देंगे। जेएनयूएसयू ने कहा, विश्वविद्यालय मंजूरी के लिए आगामी अकादमिक परिषद (एसी) की बैठक में नेफी समिति की रिपोर्ट पेश करने पर भी सहमत हो गया है, जो प्रवेश में मौखिक परीक्षा के अंकों के वेटेज को घटाकर 10-15 प्रतिशत करने की सिफारिश करती है।
यह भी पढ़ें- Nabanna Abhijan Rally: क्या है नवान्न अभियान? जिससे निपटने के लिए ममता सरकार को करनी पड़ी 5000 पुलिसकर्मियों की तैनातीइसके अलावा प्रदर्शनों के बाद प्राक्टोरियल जांच का सामना कर रहे छात्रों के खिलाफ जांच बंद करने पर भी सहमति बनी है। छात्र संघ को अकादमिक परिषद की बैठक में शामिल करने को लेकर कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित 27 अगस्त को जानकारी देंगी।
प्रो. पांडेय ने कहा, सभी मांगों पर विचार किया जा रहा है। जेएनयू में प्रवेश सीयूईटी से कराने के बजाए विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षा कराने को लेकर सभी डीन की बैठक आयोजित की गई थी। लेकिन, उसमें फंड एक समस्या है और उस पर निर्णय लंबी प्रक्रिया के बाद ही हो सकेगा। वर्तमान में यह संभव नहीं दिखता।यह भी पढ़ें- K Kavitha Bail: कल आप अपनी मर्जी से किसी को भी उठा सकते हैं? शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने ED-CBI को लताड़ा
उन्होंने कहा कि बराक छात्रावास सीपीडब्ल्यूडी ने विश्वविद्यालय को हैंडओवर नहीं किया है। उसमें सीवर और बाउंड्रीवाल का काम होना है। सीपीडब्ल्यूडी को काम तेज करने के लिए कहा गया है।
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