Delhi: जेएनयू में डीन रहे प्रो. कपिल कपूर को पद्मभूषण, साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कार
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष जारी की गई वर्ष 2022 के पद्म पुरस्कारों की सूची में दिल्ली के प्रो. कपिल कपूर का नाम भी शामिल है। प्रो. कपिल कपूर को साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए पद्म भूषण से नवाजा गया है।
By Rahul ChauhanEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Thu, 26 Jan 2023 12:16 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष जारी की गई वर्ष 2022 के पद्म पुरस्कारों की सूची में दिल्ली के प्रो. कपिल कपूर का नाम भी शामिल है। प्रो. कपिल कपूर को साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए पद्म भूषण से नवाजा गया है।
कई जिम्मेदारियों का किया है निर्वहन
जेएनयू में प्रोफेसर, डीन, समकुलपति से लेकर उन्होंने कई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। वे पिछले 42 वर्ष से शिक्षण कार्य से जुड़े हुए हैं। वे भाषा व साहित्य के विद्यान हैं। वर्ष 2005 वे जेएनयू से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका जन्म 17 नवंबर 1940 को हुआ था। शिक्षा के श्रेत्र में उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए है।
हिंदू धर्म के विश्वकोश का भी किया है संपादन
82 वर्षीय प्रो. कपूर वर्ष 2012 में ग्यारह भागों में प्रकाशित किए गए हिंदू धर्म के विश्वकोश (अंग्रेजी में) के मुख्य संपादक हैं। उन्होंने अपने शिक्षण एवं अनुसंधान में प्रमुख रूप से साहित्यिक एवं भाषायी सिद्धांत (भारतीय एवं पाश्चात्य), भाषा-दर्शन, 19वीं शताब्दी के ब्रिटेन का जनजीवन, साहित्य एवं विचार, भारतीय बौद्धिक परम्पराओं आदि पर उल्लेखनीय कार्य किया है। वे भारतीय बौद्धिक परंपरा के भी प्रतिनिधि विद्वान हैं।आने वाली है कई पुस्तकें
वर्ष 1996 से 1999 तक वे जेएनयू के भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अध्ययन विभाग के डीन रहे। इसके बाद 1999 से 2002 तक रेक्टर रहे। उन्होंने कुछ समय समकुलपति का पदभार भी संभाला। उनके मार्गदर्शन में 41 शोधार्थियों को पीएचडी एवं 36 को एम-फिल की उपाधि मिल चुकी है। उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी वे निरंतर लेखन कार्य में जुटे रहते हैं। उनकी कई नई पुस्तकें भी आने वाली हैं।
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