PhD प्रवेश के लिए स्वयं की प्रवेश परीक्षा कराने पर विचार कर रहा जेएनयू, VC शांतिश्री पंडित ने दी ये जानकारी
जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री डी पंडित ने एक बयान में कहा कि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और प्रशासन ने केवल हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा यह मान लेना जल्दबाजी होगी कि जेएनयू पीएचडी प्रवेश के लिए यूजीसी नेट स्कोर को खत्म करने जा रहा है। हमने केवल हितधारकों से सुझाव लिए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) पीएचडी प्रवेश के लिए स्वयं की प्रवेश परीक्षा कराने पर विचार कर रहा है। हालांकि, विश्वविद्यालय ने कहा है कि वे यूजीसी नेट को नहीं छोड़ रहे हैं। दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तरह वे भी पीएचडी के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा कराने पर विचार कर रहे हैं। दूसरी ओर, जवाहरलाल नेहरू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने भी दावा किया है कि विश्वविद्यालय पीएचडी के लिए यूजीसी नेट से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है।
जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री डी पंडित ने एक बयान में कहा कि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और प्रशासन ने केवल हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा, यह मान लेना जल्दबाजी होगी कि जेएनयू पीएचडी प्रवेश के लिए यूजीसी नेट स्कोर को खत्म करने जा रहा है। हमने केवल हितधारकों से सुझाव लिए हैं क्योंकि एनटीए को प्रवेश परीक्षा और हमारे परिणाम घोषित करने में कुछ समय लगेगा। इस वजह से पीएचडी दाखिले में देरी हो रही है।
जेआरएफ छात्रों की फेलोशिप भी अटकी हुई
उन्होंने कहा कि हमारे जेआरएफ छात्रों की फेलोशिप भी इसी वजह से अटकी हुई है। फिर भी, पुरानी प्रवेश प्रणाली को लागू करने के लिए कुछ तार्किक मुद्दों पर ध्यान देना होगा और यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। अभी तक हमने कोई निर्णय नहीं लिया है। भविष्य में अगर हम ऐसा करते हैं तो इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अधिसूचित किया जाएगा।जेएनयूटीए ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि तीन जुलाई को कुलपति और स्कूलों के डीन की बैठक में पीएचडी प्रवेश के लिए पुराने जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करने की संभावना को खोलने के लिए निर्णय लिए गए। पत्र में कहा गया है, जेएनयूटीए इसे प्रवेश परीक्षाओं के मामले में अपनी लंबे समय से चली आ रही स्थिति की पुष्टि के साथ-साथ जून 2024 यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के बाद उठाई गई विशिष्ट मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मानता है।
नई यूजीसी-नेट परीक्षा अब 21 अगस्त से 4 सितंबर तक होगी
इसमें आरोप लगाया गया है कि 2024-25 में पीएचडी प्रवेश के लिए यूजीसी-नेट स्कोर का उपयोग करने का जेएनयू का निर्णय थोपा गया था और इसके लिए प्रोफेसर या अकादमिक और कार्यकारी परिषद में चर्चा नहीं की गई थी। शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा की शुचिता से समझौता होने की जानकारी मिलने के बाद 18 जून को हुई परीक्षा के एक दिन बाद यूजीसी-नेट को रद्द कर दिया था। नई यूजीसी-नेट परीक्षा अब 21 अगस्त से 4 सितंबर तक आयोजित की जाएगी, जिसका मतलब है कि परिणाम घोषित होने में अधिक समय लगेगा। इससे अकादमिक कैलेंडर भी प्रभावित होगा।जेएनयूटीए ने एनटीए द्वारा आयोजित कई प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ चिंता जताते हुए विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और स्नातक प्रवेश के लिए भी जेएनयूईई को अपनाने की मांग की है। बता दें कि यूजीसी ने नेट के जरिये पीएचडी प्रवेश करने के लिए विश्वविद्यालयों को अधिसूचित किया था। इसके बाद जेएनयू ने इस प्रक्रिया को लागू किया है।ये भी पढ़ें- DU के लॉ फैकल्टी के सिलेबस में मनुस्मृति को नहीं किया जाएगा शामिल, विरोध के बाद वीसी ने खारिज किया प्रस्ताव
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