Move to Jagran APP

Delhi News: छात्रों के प्रदर्शन से JNU का मेन गेट हो रहा बाधित, प्रॉक्टर ने भेजा नोटिस

छात्रा के साथ छेड़छाड़ के विरोध में जेएनयू के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को प्रॉक्टर की ओर से नोटिस भेजा गया है। नोटिस भेजकर धरना खत्म करने को कहा गया है। जांच में सहयोग के लिए कहा गया है। पीड़िता ने कहा है कि हमारा धरना जारी है जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती हम नहीं हटेंगे।

By uday jagtap Edited By: Shyamji Tiwari Published: Thu, 04 Apr 2024 09:40 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2024 09:40 PM (IST)
छात्रों के प्रदर्शन से JNU का मेन गेट हो रहा बाधित

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रा से छेड़छाड़ के विरोध में मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को प्रॉक्टर की ओर से नोटिस भेजा गया है। उन्हें बृहस्पतिवार को दोपहर तीन बजे अपना जवाब देने के लिए प्रॉक्टर कार्यालय में बुलाया गया था, लेकिन कोई छात्र नहीं पहुंचा।

आम लोगों को हो रही परेशानी

जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। छेड़छाड़ मामले में जांच चल रही है, जब तक फैसला न आए, उन्हें सहयोग करना चाहिए। प्रॉक्टर की ओर से 21 छात्रों को नोटिस भेजा गया है। इसमें चार छात्रों पर छेड़छाड़ का आरोप लगा रही पीड़िता भी शामिल है।

छात्र संघ के चारों पदाधिकारियों को भी नोटिस भेजा गया है। उन्हें धरना खत्म करने को कहा गया है। जांच में सहयोग के लिए कहा गया है। पीड़िता ने कहा है कि हमारा धरना जारी है, जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, हम नहीं हटेंगे। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि जेएनयू प्रशासन दबाव की रणनीति अपना रहा है। हमने प्रॉक्टर से मिलकर नोटिस वापस लेने और छेड़छाड़ के दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

1 अप्रैल से छात्र कर रहे प्रदर्शन

प्रॉक्टर प्रो. सुधीर कुमार ने कहा कि छात्र एक अप्रैल से मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले तो वहां प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। प्रॉक्टर नियमावली में यह स्पष्ट उल्लेखित है। प्रदर्शन से आम लोगों को परेशानी हो रही है। गाड़ियां निकल नहीं पा रही हैं और सुरक्षा गार्ड की ओर से यह संज्ञान में लाया गया था। इसकी रिपोर्ट भी सौंपी गई थी। विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्र आते हैं, डिस्पेंसरी में उपचार के लिए बच्चे आते हैं।

सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए उन्हें मुख्य द्वार से प्रदर्शन खत्म करने को कहा गया है। मामले में हमारी ओर से कार्रवाई की गई है और दो पूर्व छात्रों को परिसर से बाहर कर दिया गया है। जांच चल रही है और सभी को बुलाकर पूछताछ की जा रही है। इसमें वक्त लग रहा है। जांच पूरी होने तक उन्हें सहयोग करना चाहिए।

छात्रा के साथ अभद्रता का आरोप

बता दें कि 30 मार्च की देर रात रिंग रोड पर अपने सहपाठी के साथ घूम रहीं भाषा अध्ययन केंद्र की छात्रा ने चार छात्रों पर अभद्रता और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसमें दो पूर्व छात्र भी शामिल थे, इनमें एक लड़की भी थी। हालांकि जेएनयू प्रशासन ने छात्रा के दावे को खारिज किया है। इसे छेड़छाड़ बताया है।

मामले में तीन प्रोफेसर की समिति नियुक्त की गई है और मामले की जांच की जा रही है। उधर, विश्वविद्यालय से बाहर की गई छात्रा ने जेएनयू प्रशासन पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है, कहा है कि छात्रा से बहस हुई थी। छेड़छाड़ जैसा कुछ नहीं था। हमारा पक्ष जाने बिना कार्रवाई की गई है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.