JNU Row: जातिसूचक नारे लिखने को लेकर जेएनयू में विवाद गहराया, VC बोले- नियम तोड़ने वालों से सख्ती से निपटेंगे
Jawaharlal Nehru University News जेएनयू में दीवारों पर जातिसूचक नारे लिखने के मामले में वीसी ने सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। नारों में अगड़ी जाति को निशाना बनाया गया है। इसमें आरएसएस से जुड़े होने को लेकर भी कटाक्ष किया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Fri, 02 Dec 2022 09:48 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कुछ साल पहले छात्रों की राष्ट्र विरोधी हरकतों के लिए बदनाम हुआ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है। इस बार विश्वविद्यालय में जाति विरोधी नारे लिखकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अगड़ी जातियों को निशाना बनाया गया है। इसके अलावा अगड़ी जाति के शिक्षकों के खिलाफ भी नारे लिखकर, उन्हें वापस लौटने के लिए कहा गया है।
नियम तोड़ने वालों से सख्ती से निपटेंगे
कुलपति कुलपति प्रो. शांतिश्री डी पंडित ने स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआइएस) और शिकायत समिति के डीन को मामले की जांच कर अतिशीघ्र रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि जेएनयू समानता में विश्वास रखता है। इस तरह की घटनाएं कतई बर्दाश नहीं की जाएंगी। परिसर में नियमों को जो भी तोड़ेगा उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे मामलों में जीरो टालरेंस की नीति अपनाई जाएगी।
परिसर में अगड़ी जातियों को निशाना बनाते हुए लिखे नारे
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार की सुबह जब छात्र और शिक्षक जेएनयू पहुंचे तो दीवारों पर लिखे नारे देखकर हतप्रभ रह गए। यह नारे 30 नवंबर की रात लिखे जाने की बात सामने आ रही है। शरारती तत्वों ने स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज द्वितीय, स्कूल आफ लैंग्वेज, लिटरेचर व कल्चरल स्टडीज द्वितीय सहित कई विभागों के परिसर में अगड़ी जातियों को निशाना बनाते हुए यह नारे लिखे हैं। इसमें शिक्षकों और छात्रों के लिए लिखा था कि ‘संघ की शाखा में वापस जाओ’।यही नहीं, कई नारों में अंग्रेजी में यहां तक लिखा था कि ‘मैं तुम्हारे लिए यहां आया हूं, जेएनयू छोड़ो, भारत छोड़ो’। इसके अलावा शरारती तत्वों ने शिक्षिका वंदना मिश्रा, शिक्षक प्रवेश कुमार, राज यादव और नल्लीन कुमार महापात्रा के कमरे के बाहर भी इसी तरह के नारे लिखे थे।
RSS से जुड़े होने को लेकर भी किया कटाक्ष
इसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े होने को लेकर भी कटाक्ष किया है। नारे लिखे जाने को लेकर शिक्षकों में भी रोष है। उन्होंने ट्वीट कर विरोध भी जताया है। साथ ही इन नारों को ट्वीट कर लिखा है कि स्वयं सेवक होने पर उन्हें गर्व है। नारे लिखने वालों पर वामपंथी गैंग लिखकर कटाक्ष किया है।आइसा ने भी घटना को बताया निंदनीय
वामपंथी छात्र संगठन आइसा की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष कासिम ने कहा कि विश्वविद्यालय के समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों के दायरे में रहकर एक दूसरे के विचारों की हम आमने-सामने आलोचना करते हैं। इस तरह की जातिवादी टिप्पणी व नारेबाजी निंदनीय है। आइसा इस तरह की घटना का बिल्कुल समर्थन नहीं करता है। यह घटना छात्रावास आवंटन, स्कालरशिप में देरी जैसे छात्रों के मुद्दों को भटकाने का प्रयास है।
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