jnu sedition case: दिल्ली सरकार ने माना, ' जेएनयू प्रकरण में कन्हैया नहीं है देशद्रोही'
jnu sedition case गृह विभाग द्वारा तैयार किए गए नोट में कहा गया है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के प्रकरण में यह साबित नहीं हो पाया है कि नारे कन्हैया कुमार ने लगाए थे।
By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 06 Sep 2019 07:29 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। एक तरफ जहां दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार यह मानती आ रही है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ का पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार देशद्रोही नहीं है, वहीं अब दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
दिल्ली सरकार ने कहा- नहीं हुआ साबितगृह विभाग द्वारा तैयार किए गए नोट में कहा गया है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के प्रकरण में यह साबित नहीं हो पाया है कि नारे कन्हैया कुमार ने लगाए थे। नोट गृह विभाग की तरफ से दिल्ली सरकार को भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने वाले प्रकरण में कन्हैया कुमार के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना पेश की गई थी। चार्जशीट दायर करने को अनुमति देने के मामले में दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह इसकी जांच कराएंगे और कानूनी राय लेंगे। इसके बाद सरकार इस मामले में निर्णय लेगी।सूत्रों ने बताया कि कानूनी राय लेने के लिए इस मामले को दिल्ली सरकार ने लॉ विभाग के पास भेजा था। लॉ विभाग ने अपनी राय गृह विभाग को भेज दी। पुलिस से मामला जुड़ा होने के कारण यह मामला गृह विभाग को भेजा गया था। लॉ विभाग से मिली राय को गृह विभाग ने सही मानते हुए फाइनल रिपोर्ट तैयार कर दी है। जिसमें कहा गया है कि कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मामला नहीं बनता है।
वहीं यह भी साबित नहीं हुआ है कि कन्हैया ने देश विरोधी नारे लगाए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दो छात्र राजनैतिक गुटों का मामला था। दोनों ने एक दूसरे को उकसाने के लिए नारेबाजी की थी। जो नारे वहां लगाए गए थे, वह कन्हैया कुमार ने लगाए, यह कहीं से भी साबित नहीं हो सका है।
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