JNU में फ्रेशर्स पार्टी के दौरान 47 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायत, JNUSU ने लगाया मामले में उल्लंघन का आरोप
जेएनयूएसयू ने फ्रेशर्स पार्टी के बाद 47 छात्राओं द्वारा दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच में प्रक्रियागत उल्लंघन का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि आईसीसी ने सामूहिक शिकायत को कमजोर करने के लिए इसे व्यक्तिगत शिकायतों में बदलने की कोशिश की। जेएनयूएसयू ने आईसीसी पीठासीन अधिकारी वंदना मिश्रा को पद से हटाने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जेएनयूएसयू ने फ्रेशर्स पार्टी के बाद 47 छात्राओं द्वारा विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के समक्ष दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच में प्रक्रियागत उल्लंघन का आरोप लगाया है।
कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित को लिखे पत्र में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने समिति पर सामूहिक शिकायत के बजाय मामले को व्यक्तिगत शिकायत मानकर मामले को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
आईसीसी के समक्ष सामूहिक शिकायत दर्ज
संघ ने कहा कि सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल सिस्टम्स (सीएसएसएस) की 47 छात्राओं ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को कन्वेंशन सेंटर में सीएसएसएस फ्रेशर्स पार्टी के दौरान यौन उत्पीड़न और हिंसा को लेकर बुधवार को आईसीसी के समक्ष सामूहिक शिकायत दर्ज कराई।हालांकि, शिकायतकर्ताओं को सूचित किया गया कि पीठासीन अधिकारी वंदना मिश्रा सभी पीड़ितों से एक साथ नहीं मिलेंगी और उन्होंने उनसे मामले को प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रतिनिधियों को नामित करने के लिए कहा।
जेएनयूएसयू ने दावा किया कि आईसीसी की बैठक के दौरान, चार छात्र प्रतिनिधि देरी से पहुंचे, जिसका फायदा उठाते हुए आईसीसी सदस्यों ने अकेली शिकायतकर्ता को धमकाने की कोशिश की, उस पर निजी बयान देने का दबाव बनाया।
शिकायत की सामूहिक प्रकृति को तोड़ने का प्रयास
संघ ने कहा कि यह शिकायत की सामूहिक प्रकृति को तोड़ने का एक प्रयास था। पीड़ित इससे असहमत हैं क्योंकि शिकायत सामूहिक रूप से दर्ज की गई थी, लेकिन वे इसे उत्पीड़न के पांच अलग-अलग मामलों में बदलने की कोशिश कर रहे थे। जेएनयूएसयू के अनुसार, बयान के दौरान शिकायतकर्ता से अप्रासंगिक और डराने वाले सवाल पूछे गए।
संघ ने यह भी चिंता जताई कि गोपनीय सत्र के दौरान एक कर्मचारी ने शिकायतकर्ता का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिससे उसकी पहचान उजागर नहीं हो पाई।
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