JNU के छात्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षा मंत्रालय तक निकाला मार्च, पुलिस ने परिसर के बाहर रोका
जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों ने छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि सहित अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय तक मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने उन्हें विश्वविद्यालय परिसर के बाहर ही रोक दिया। छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर के बाहर आधा किलोमीटर तक मार्च किया। जब छात्रों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की तो हल्की झड़प भी हुई। हालांकि किसी को चोट नहीं आई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों ने छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि सहित अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें विश्वविद्यालय परिसर के बाहर ही रोक दिया।
कई स्तरों की बैरिकेडिंग के साथ पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती रही, जो छात्रों को परिसर से बाहर जाने से रोक दिया। हालांकि, छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर के बाहर आधा किलोमीटर तक मार्च किया। जब छात्रों ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की तो हल्की झड़प भी हुई।
छात्रों को परिसर से बाहर प्रदर्शन की नहीं थी अनुमति
एक पुलिस अधिकारी ने पहले कहा कि छात्रों को परिसर के बाहर मार्च करने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी। अधिकारी ने पहले कहा था, "अगर वे विश्वविद्यालय से बाहर आएंगे तो उन्हें रोक दिया जाएगा। पुलिस ने आगे बढ़ने की कोशिश करने वालों को हिरासत में लेने के लिए बसों को तैयार रखा था।"
कई मांगों को लेकर छात्र कर रहे हैं प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि मार्च का आह्वान परिसर में चल रही भूख हड़ताल के बाद किया गया। हड़ताल को 13 दिन हो चुके हैं, लेकिन छात्रों की समस्याओं का हल नहीं निकला है। हड़ताल की शुरुआत 11 अगस्त को हुई थी। कक्षाओं का बहिष्कार करके पूर्ण विश्वविद्यालय हड़ताल के आह्वान में छात्रों के एक वर्ग ने भी भाग लिया। वे छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि, परिसर में जाति जनगणना, परिसर में विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध हटाने और विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए छात्रों के खिलाफ शुरू की गई प्रॉक्टोरियल जांच को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
जेएनयूएसयू की महासचिव ने प्रदर्शन से किया खुद को अलग
जेएनयूएसयू की महासचिव प्रियांशी आर्या ने यह कहते हुए खुद को विरोध प्रदर्शन से अलग कर लिया है कि छात्र संघ को पहले कुलपति कार्यालय के 100 मीटर के दायरे के निषिद्ध क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कहा कि वह संघ द्वारा बुलाए गए मार्च या पूर्ण विश्वविद्यालय हड़ताल का हिस्सा नहीं है। पिछले दिनों जेएनयू की कुलपति ने धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रों से बातचीत की थी। लेकिन, चर्चा का कोई हल नहीं निकला। इसके बाद लगातार छात्रों की हड़ताल जारी है। उन्होंने जेएनयू प्रशासन की चुप्पी की निंदा की है।