पहल: आदर्श वाक्य ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ के साथ लोगो पेटेंट कराएगा जेएनयू, काफी दिनों चल रही थी बदलने की कवायद
जेएनयूटीए के सचिव प्रो. अविनाश ने कहा विश्वविद्यालय को अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की जरूरत है। जेएनयू प्रशासन को आदर्श वाक्य को अपनाने की जरूरत है। वर्तमान में जेएनयू का लोगो गहरे नीले रंग में बना हुआ है। इसमें हिंदी और अंग्रेजी भाषा में जेएनयू लिखा हुआ है। पिछले काफी दिनों से लोगो बदलने की कवायद चल रही थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लोगो में अब आदर्श वाक्य ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ शामिल होगा और इसे पेटेंट कराया जाएगा। अभी तक लोगो में कोई आदर्श वाक्य नहीं लिखा जाता है। लोगो पंजीकरण के बाद इसे जल्द जारी कर दिया जाएगा। जेएनयू शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय के कदम को सकारात्मक बताया है।
जेएनयूटीए के सचिव प्रो. अविनाश ने कहा, विश्वविद्यालय को अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की जरूरत है। जेएनयू प्रशासन को आदर्श वाक्य को अपनाने की जरूरत है। वर्तमान में जेएनयू का लोगो गहरे नीले रंग में बना हुआ है। इसमें हिंदी और अंग्रेजी भाषा में जेएनयू लिखा हुआ है। पिछले काफी दिनों से लोगो बदलने की कवायद चल रही थी।
लोगो पहले पंजीकृत नहीं था
कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने एक बयान में कहा कि लोगो पहले पंजीकृत नहीं था। कार्यकारी परिषद की बैठक में आदर्श वाक्य को शामिल करने के लिए विश्वविद्यालय के पुराने लोगो को संशोधित करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है।
कुलपति ने कहा, हम कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं। पुराना लोगो पंजीकृत नहीं था। हम कार्यकारी परिषद द्वारा सर्वसम्मति से पारित अपने आदर्श वाक्य के साथ उसी पुराने लोगो को पंजीकृत करा रहे हैं। 24 नवंबर को जेएनयू की कार्यकारी परिषद की बैठक हुई थी। दूसरी ओर, छात्रावासों की छतों पर मरम्मत कार्य भी कराया जा रहा है। जहां-जहां पानी का रिसाव हो रहा है, उसे ठीक किया जा रहा है।
नवीनीकरण का काम चल रहा है
जेएनयू के कुलसचिव रविकेश ने कहा, कई छात्रावासों, शैक्षणिक भवनों और कर्मचारी आवासों की मरम्मत और नवीनीकरण का काम चल रहा है और इसके लिए निविदाएं जारी की गई हैं।
बता दें कि यूजीसी ने पिछले साल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को शैक्षणिक भवनों, छात्रावासों और कर्मचारी आवासों में संरचनात्मक मरम्मत और नवीनीकरण के काम सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए 28 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। मरम्मत और नवीनीकरण का काम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था। छात्रावास की स्थिति को लेकर छात्र पहले कई बार आवाज उठा चुके हैं।