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JNU Slogan Controversy: जेएनयू में दीवारों पर जातिवादी नारे लिखने में बाहरियों की भूमिका संदिग्ध: कुलपति

JNU Slogan Controversy News जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने सोमवार को दावा किया कि परिसर की कई दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखने में बाहरी शामिल हो सकते हैं। मामले की जांच की जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Tue, 13 Dec 2022 12:22 AM (IST)
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जेएनयू में दीवारों पर जातिवादी नारे लिखने में बाहरियों की भूमिका संदिग्ध: कुलपति

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जेएनयू की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने सोमवार को दावा किया कि परिसर की कई दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखने में बाहरी शामिल हो सकते हैं। मामले की जांच की जा रही है। प्रेस वार्ता के दौरान पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कुलपति ने बताया कि घटना के 24 घंटे के अंदर दीवारों पर सफेदी कर दी गई।

यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, जेएनयू सभी के लिए है। लेकिन, कोई भी इसका इस्तेमाल किसी भी समूह के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए नहीं कर सकता है। यह हमारी जानकारी में आया है कि बाहरी लोगों ने ऐसा किया होगा। हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एहतियाती उपायों के बारे में सोच रहे हैं। मामले में जांच चल रही है।

चाहरदीवारी टूटी हुई

कुलपति यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की चारदीवारी कई खंडों में टूटी हुई है। हम बाहरी लोगों को विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से नहीं रोक सकते। इसलिए छात्रों को अपना पहचान पत्र साथ रखने के निर्देश दिए गए हैं। हम बाहरी दीवारों की मरम्मत करवाना चाहते हैं। इसके लिए फंड मिलने का इंतजार है।

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इस महीने लिखे गए थे जातिवादी नारे

उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में जेएनयू के स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआइएस)-द्वितीय भवन की दीवारों पर जातिवादी नारे लिखे गए थे। जिनमें ब्राह्मण और बनिया समुदायों के सदस्यों को परिसर और देश छोड़ने के लिए कहा गया था। घटना के बाद जेएनयू ने अपने सभी केंद्रों से सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा था। साथ ही सभी स्कूलों और केंद्रों में केवल एक प्रवेश और निकास बिंदु होगा।