बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार भयावह, दिल्ली में निकाला गया मार्च; क्या बोलीं- JNU की कुलपति?
Delhi News बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या और महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली में मार्च निकाला गया। यह मार्च दिल्ली में मंडी हाउस से बाराखंभा रोड व टालस्टाय मार्ग होते हुए जंतर-मंतर तक पहुंचा। इस दौरान जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि जब हिंदुओं पर अत्याचार होता तो कोई क्यों नहीं बोलता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बंग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वहां पर मौजूद अल्पसंख्यकों खास तौर पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में दिल्ली में मंडी हाउस से बाराखंभा रोड व टालस्टाय मार्ग होते हुए जंतर-मंतर तक मार्च निकाला गया।
मार्च को मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक 4.5 किलोमीटर का सफर तय करने में करीब एक घंटे का समय लगा। हाथ में तख्ती लेकर और मुंह पर काली पट्टी बांधे हजारों की संख्या में नागरिकों ने हिस्सा लिया। तख्तियों पर हिंदुओं के साथ अत्याचार रोकने और उन्हें सुरक्षा देने की मांग को लेकर मार्च हुआ।
नारी शक्ति फोरम के बैनर तले हुए इस मार्च में जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित, भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज और भाजपा से निष्कासित नुपुर शर्मा ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
भारत जैसा कोई सेक्युलर देश नहीं हैं
जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने सवाल किया कि जब हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो तब कोई क्यों नहीं बोलता है। उन्होंने कहा कि ये मार्च किसी भी संगठन का नहीं है। हम सब मानव हकों के लिए यहां आए हैं और इसके लिए कोई भी साथ आ सकता है। भारत जैसा कोई सेक्युलर देश नहीं हैं और यहां पर लोकतंत्र भी है। यहां अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है, लेकिन यहां पर अल्पसंख्यकों के साथ कोई समस्या नहीं है पर बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यकों के साथ हो रहा है वह मानवधिकारों का उल्लंघन है।
शांतिश्री डी. पंडित ने कहा कि यहां आने का एक कारण मानवाधिकारों की लड़ाई है। मानवाधिकार केवल चुनिंदा समूहों के लिए नहीं हो सकते बल्कि सभी के लिए हैं। बांग्लादेश में केवल हिंदू ही नहीं, बल्कि बौद्ध, ईसाई, दलितों पर भी हमले हो रहे हैं। उनके लिए बोलने के लिए कोई नहीं है।
बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार भयावह
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार भयावह है। वहां पर माताओं बहनों के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं।हिंदू भाइयों पर भी अत्याचार हो रहा है। इसके अलावा हिंदू धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाकर उन्हें नुकसान पहुंचाया जा रहा है।इसे ध्यान में रखते हुए 15 अगस्त को लाल किले से पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत की 140 करोड़ जनता के प्रति चिंता व्यक्त की।
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