जेएनयू में चार वर्ष का होगा स्नातक पाठ्यक्रम, नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए गठित होगी कमेटी
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की गुरूवार को अहम बैठक हुई। जिसमें स्नातक पाठयक्रम की समयावधि तीन से बढ़ाकर चार वर्ष करने नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कमेटी गठित करने व स्नातकोत्तर की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से कराने पर भी चर्चा हुई।
By Vinay TiwariEdited By: Updated: Thu, 19 Nov 2020 07:31 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की गुरूवार को अहम बैठक हुई। जिसमें स्नातक पाठयक्रम की समयावधि तीन से बढ़ाकर चार वर्ष करने, नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कमेटी गठित करने व स्नातकोत्तर की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से कराने पर भी चर्चा हुई। जेएनयू के रेक्टर 1 प्रो चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि कमेटी जेएनयू के विज्ञान, मानविकी व सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन के साथ ही सभी स्कूलों के प्रमुखों से बैठक में हुई विभिन्न चर्चाओं पर रायशुमारी करेगी। इसके बाद कार्यकारी परिषद में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। कार्यकारी परिषद में प्रस्तावों पर मोहर लगने के बाद अमल में लाया जा सकेगा।
कमेटी का गठनअकादमिक परिषद के एक सदस्य ने बताया कि कोरोना काल में जूम एप पर हुई बैठक में नई शिक्षा नीति पर विस्तार से चर्चा हुई। जेएनयू ने एक कमेटी के गठन पर सहमति बनी। कमेटी नई शिक्षा नीति लागू करने में आ रही अड़चनों को दूर करेगी। कमेटी में जेएनयू के विभिन्न स्कूलों एवं केंद्रों के डीन शामिल होंगे। इन सभी को एक निश्चित समयावधि में अपने केंद्रों एवं स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत सुझाव देने को कहा गया है।
चार वर्षीय पाठ्यक्रमबैठक में वर्तमान में संचालित 3 वर्षीय स्नातक पाठयक्रमों को 4 वर्षीय कार्यक्रम में बदलने की संभावना पर भी चर्चा हुई। परिषद के सदस्य ने बताया कि स्नातक की पढ़ाई चार वर्षीय करने के दूरगामी परिणामों पर चर्चा हुई। पाठ्यक्रमों में संशोधन, फैकल्टी के स्तर पर आने वाली चुनौतियों समेत कक्षाओं के प्रबंधन पर भी चर्चा हुई।
स्नातकोत्तर की आनलाइन पढ़ाई
जिन स्नातकोत्तर पाठयक्रमों में प्रयोगशाला या प्रायोगिक कार्य नहीं होते उनकी पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन संचालित करने पर भी चर्चा हुई। परिषद के सदस्य ने बताया कि सभी स्कूलों व केंद्रों के डीन से सुझाव मांगे गए हैं। इसके अलावा समाजिक व आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग से आने वाले बच्चों को बेहतर अवसर देने वाली विवि की नीति को और मजबूत करने, विदेशी छात्रों की सीटें बढा़ने, छात्रों व शिक्षकों के बीच शोध व उद्यमशीलता को बढा़ने पर चर्चा की गई है।
सेंटर फॉर सिस्टमस मेडिसिन की स्थापनाजेएनयू प्रणाली चिकित्सा के लिए विशेष केंद्र ( स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टमस् मेडिसिन) स्थापित करेगा। चिकित्सा प्रणाली मोलिक्यूलर और निर्धारक सेल्यूलर की जटिलता को समझने का प्रयास करेगा। जेएनयू के कुलपति प्रो जगदेश कुमार ने कहा कि प्रस्तावित केंद्र क्लीनिक व मोलिक्यूलर डाटा को विकसित करने के राष्ट्रीय हब के तौर पर काम करेगा।
शिक्षक संघ ने बैठक के तरीकों पर जताया विरोधजेएनयू शिक्षक संघ ने आधिकारिक बयान जारी कर रोष जताया। कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जेएनयू फैकल्टी और छात्रों की तारीफ करते हैं वहीं जेएनयू प्रशासन अकादमिक बैठक में शिक्षक संघ व छात्रसंघ को शामिल तक नहीं करता। वर्तमान जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन चर्चा में भरोसा नहीं रखता। Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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