JNUSU Results जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है। परिणाम में लेफ्ट ने क्लीन स्वीप कर लिया है। अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल कर ली है। परिणाम घोषित होते ही जेएनयू में जश्न का माहौल हो रहा है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के लिए शुक्रवार को हुए मतदान में लगभग 73 प्रतिशत मतदान हुआ।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में चार वर्ष बाद हुए छात्र संघ चुनावों में एक बार फिर लाल झंडा फहराया है। लेफ्ट के संयुक्त गठबंधन ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव की चारों सीटों पर कब्जा जमा लिया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) खूब कोशिशों के बावजूद एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी। अध्यक्ष पद पर आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के धनंजय ने कब्जा जमाया है।
अध्यक्ष पद पर जीते धनंजय और सचिव प्रियांशी आर्य। उपाध्यक्ष अभिजीत घोष और संयुक्त सचिव मोहम्मद साजिद
10 वर्षों में सर्वाधिक 73 प्रतिशत मतदान
उपाध्यक्ष पद पर स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) के अविजीत घोष ने, सचिव पद पर बिरसा आंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बापसा) की प्रियांशी आर्या और संयुक्त सचिव पद पर आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के मोहम्मद साजिद ने जीत हासिल की है।
शुक्रवार को मतदान हुआ था और 7751 मतदाताओं में से 5656 ने मतदान किया था। 10 वर्षों में सर्वाधिक 73 प्रतिशत मतदान हुआ था।अध्यक्ष पद पर आठ प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें मुख्य मुकाबला संयुक्त लेफ्ट गठबंधन और एबीवीपी के बीच था। अध्यक्ष पद पर धनंजय को 2598 वोट हासिल हुए। एबीवीपी की तरफ से उमेश चंद्र अजमीरा को उतारा गया था। उन्हें 1676 वोट हासिल हुए। धनंजय ने उमेश को 922 वोटों से शिकस्त दी।
उपाध्यक्ष पद पर गठबंधन के अविजीत घोष ने एबीवीपी की दीपिका शर्मा को 927 वोट से हराया। अविजीत को 2409 और दीपिका को 1482 वोट हासिल हुए।सचिव पद पर लेफ्ट गठबंधन की प्रत्याशी स्वाति सिंह का नामांकन रद होने के बाद उन्होंने बापसा को समर्थन दे दिया था।बापसा की प्रियांशी आर्या ने सर्वाधिक वोट हासिल किए। उन्हें 2887 वोट मिले। उन्होंने एबीवीपी के अर्जुन आनंद को 926 वोट से हराया।अर्जुन को 1961 वोट मिले। संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी ने अच्छी लड़ाई लड़ी। उनके प्रत्याशी गोविंद दांगी को सभी एबीवीपी के प्रत्याशियों में सर्वाधिक 2066 वोट हासिल हुए, लेकिन वे AISF के मोहम्मद साजिद को हरा नहीं सके। मोहम्मद साजिद को 2574 वोट हासिल हुए। साजिद ने गोविंद को 508 वोटों से हराया।
एबीवीपी ने 2000 में जमाया था अध्यक्ष पद पर कब्जा
दूसरे संगठनों के प्रत्याशी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। उनमें से कोई हजार वोट भी हासिल नहीं कर सका। रविवार सुबह से स्कूलों के अनुसार हुई मतगणना में अंतिम परिणामों की घोषणा चुनाव समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने की।बता दें कि एबीवीपी ने 2000 में एक ही बार अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है। तब से 24 साल बीत चुके हैं, लेकिन एबीवीपी अध्यक्ष पद नहीं जीत सकी है। संयुक्त सचिव पर 2015-16 के छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी ने अपनी जगह बनाई थी। तब सौरभ शर्मा ने आइसा के उम्मीदवार को केवल 28 मतों से पराजित कर जीत दर्ज की थी।
2016 से बन रहा है गठबंधन
एबीवीपी की 2015 में संयुक्त सचिव पद पर जीत के बाद 2016 से वाम छात्र संगठन गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं।गठबंधन में आइसा, एसफआइ, डीएसफ और एआइएसएफ शामिल हैं। 2019 में एसएफआइ की ओर से आइशी घोष ने अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था। फिर कोरोना महामारी आ गई और चार वर्ष तक चुनाव नहीं हो सके।
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