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Delhi CM Atishi: जल सत्याग्रह से लेकर दिल्ली के CM बनने तक... कैसे एक्टिविस्ट से राजनेता बनीं आतिशी

Delhi CM Atishi आतिशी ने शनिवार को राजनिवास में मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ले ली है। उनके साथ ही पांच और आप विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। इनमें सौरभ भारद्वाज गोपाल राय इमरान हुसैन मुकेश अहलावत और कैलाश गहलोत शामिल हैं। शपथ के दौरान आतिशी की मां त्रिप्ता वाही और पिता विजय सिंह इसके अलावा पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल भी मौजूद रहे।

By Geetarjun Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 21 Sep 2024 05:25 PM (IST)
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कैसे एक्टिविस्ट से दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं आतिशी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतिशी ने दिल्ली के 12वीं मुख्यमंत्री के रूप में राजनिवास में शपथ ली। इस दौरान मौके पर उनके मां त्रिप्ता वाही और पिता विजय सिंह भी मौजूद रहे। आतिशी तीसरी महिला हैं, जो दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी हैं। इससे पहले भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रही हैं।

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद आतिशी को आप विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के साथ ही 17 सितंबर को आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद के रूप में प्रस्ताव दिया था।

कुछ महीनों पहले मिलीं बड़ी जिम्मेदारियां

आम आदमी पार्टी ने आतिशी को कालकाजी विधायनसभा क्षेत्र ने मैदान में उतारा था, जहां उन्होंने जीत हासिल की। मार्च 2023 में उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी तो उनके पास अब की अपेक्षा कम विभाग थे। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बाद आबकारी नीति घोटाला मामले में जेल जाने और उनके इस्तीफे के बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई।

पहले इनके पास शिक्षा, उच्च शिक्षा, टीटीई, पीडब्ल्यूडी, बिजली व पर्यटन विभाग ही थे। मगर बाद के महीनों में जल, वित्त, योजना, कानून, सतर्कता, सेवा व जनसंपर्क विभाग की जिम्मेदारी भी इन्हें दी गई। सिसोदिया के बड़े विभागों का कार्यभार भी उन्होंने ही संभाला था।

कौन हैं आतिशी?

दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक आतिशी आम आदमी पार्टी की नेता हैं और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) की सदस्य हैं। सीएम बनने से पहले तक आतिशी केजरीवाल सरकार में शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाल रही थी। इससे पहले उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी काम किया है।

2019 के लोकसभा चुनावों में, आतिशी आम आदमी पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों में शामिल थीं। साथ ही उन्हें संगठन को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उन्होंने राजधानी में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति को सुधारने में अहम भूमिका निभाई।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से ली शिक्षा

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर जन्मी आतिशी ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल (Springdale School) से की। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास की पढ़ाई की, जहां वह दिल्ली विश्वविद्यालय में पहले स्थान पर रहीं।

इसके बाद Chevening scholarship पर मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय चली गईं। कुछ साल बाद उन्होंने एजुकेशन रिसर्च में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की।

मध्य प्रदेश के गांव में बिताए 7 साल

शिक्षा हासिल करने बाद समाज में बदलाव लाने का जुनून आतिशी को राजनीति में ले आया। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल बिताए हैं, जहां वह जैविक खेती और प्रोग्रेसिव एजुकेशन सिस्टम से जुड़ी रहीं। उन्होंने वहां कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम किया, जहां आम आदमी पार्टी के सदस्यों से उनकी मुलाकात हुई।

वर्ष 2015 में नर्मदा बचाओ आंदोलन के अंतर्गत खंडवा जिले के घोघलगांव में हुए जल सत्याग्रह में वह शामिल हुई थीं। वह यहां 32 दिन रहीं। पानी में नहीं उतरीं पर जनसभाओं को कई दिन संबोधित किया।

आतिशी आम आदमी पार्टी की स्थापना के समय ही वर्ष 2013 में आप में शामिल हो गईं। उन्होंने पार्टी के गठन के शुरुआती चरणों में आप की नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पार्टी के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया। टीवी चैनलों पर उनके बात रखने के तरीके और शांत स्वभाव ने लोगों का ध्यान खींचा। आतिशी ने शुरुआत से ही शिक्षा व्यवस्था पर विशेष जोर दिया।

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