Delhi News: न्यायिक मजिस्ट्रेट ने SHO को लगाई लताड़, दर्ज होगी FIR; कहा- सबूत पीड़ित नहीं जुटाएगा, पुलिस करे जांच
Delhi New दिल्ली पुलिस के एसएचओ को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फटकार लगाई। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया। हालांकि एसएचओ ने रोहिणी कोर्ट का दरावाजा खटखटाया और राहत मिल गई। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक मजिस्ट्रेट के आदेश पर रोक लगा दी है। मजिस्ट्रेट ने एसएचओ को दो साल तक शिकायत दर्ज न करने पर फटकार लगाई।
रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। दो साल तक शिकायत दर्ज न करने और पीड़ित को धमकाने के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने समयपुर बादली के तत्कालीन एसएचओ और अन्य नामजद लोगों को लताड़ लगाई। साथ ही एसएचओ सहित उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए।
अदालत ने अपने आदेश में टिप्पणी करते हुए कहा कि साक्ष्य जुटाने की जिम्मेदारी शिकायतकर्ता की नहीं है। शिकायतकर्ता अकेले आरोपों को साबित नहीं कर सकता, पुलिस द्वारा उचित जांच की भी आवश्यकता है।
मजिस्ट्रेक के आदेश को दी चुनौती
न्यायिक मजिस्ट्रेट के इस आदेश को समयपुर बादली के तत्कालीन एसएचओ ने रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार की अदालत में चुनौती दी है। जहां से उन्हें व अन्य नामजद आरोपियों को फिलहाल के लिए राहत मिल गई है।न्यायाधीश सुशील कुमार ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है। अब आरोपियों और शिकायतकर्ता की ओर से मामले में सत्र न्यायाधीश की अदालत में 25 सितंबर को बहस होगी।
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने का दिया था आदेश
रोहिणी स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा जिंदल की अदालत ने मामले में समयपुर बादली के एसएचओ को तत्कालीन एसएचओ और अन्य नामजद लोगों के खिलाफ प्राथमिकी करने और जल्द जांच पूरी कर मामले में फाइनल रिपोर्ट या आरोप पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे। अदालत ने कहा था कि प्रथमदृष्ट्या मामला गंभीर है।ऐसे में पुलिस को शिकायत के आधार पर सुसंगत धाराएं लगाकर मुकदमा दर्ज करना चाहिए और बिना प्रभावित हुए जांच कर अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपनी चाहिए।
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